आज मैं तनहाई में भी खुश हूंँ ....
जिसे पा ना सकी....
उसकी जुदाई में भी खुश हूंँ ....!
हाथों की लकीरों में नहीं था ....
इस दर्दे एहसास से ही मैं खुश हूंँ .....!
होगा तू किसी के मुकद्दर का सितारा....
इस उम्मीद से ही मैं खुश हूंँ ...!
काश ! तेरे हाथों की लकीर मैं बन जाती .....
तेरे हर रिश्तो की तस्वीर मैं बन जाती .....!
इस झूठी उम्मीद मे ही मैं खुश हूँ....
इसलिए तो दोस्तों आज मैं तन्हाई मे भी खुश हूँ ....!
धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐