नमस्तें दोस्तों 🙏🙏
आज का शीर्षक मैंने आँखे रखी है ....
बड़ी प्यारी है ये आंँखें....
दिल का हाल बयां कर देती है !
लब हो खामोश ....
ये सब जाहिर कर देती है !
क्या सच ... क्या झूठ ....
सब जान जाती है !
अच्छे बुरे की नियत....
पहचान जाती है !
गमों में अश्कों को छुपा कर...
मुस्कुरा लेती है !
सब कुछ सहकर ...
पलकों के पीछे छुपा लेती है !
अपनों का एहसास पाते ही....
खुलकर बरस जाती है ये..!
बड़ी प्यारी है ये आंँखें ....
दिल का हाल बयां कर देती है ...! !
सही है दोस्तों ! ...
" लब चाहे कुछ ना कहें ...
ये आंँखें हाल-ए-दिल बयां कर देती है "....
धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐