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<div>किसने साथ दिया किसी का ....</div><div>सब बीच मझधार मे ही छोड़ जाते हैं ....</div><div>वादा करके
<div>वो दिन भी अच्छे थे ....</div><div>दिल क्या मन भी सच्चे थे ....!</div><div>रुसवाईयों के डर से ..
<div>आज मैं तनहाई में भी खुश हूंँ ....</div><div>जिसे पा ना सकी....</div><div> उसकी जुदाई में भ
<div>दिल को दरिया बनाए ....</div><div>आंखें बिछाए बैठी हूंँ ..!</div><div><br></div><div>वो लौ
<div>बिसरी आस , बिखरे विश्वास ....</div><div>बिन बोए , ना कोई जड़....</div><div> ना कोई शाख ...।
<div>यूं तो कई बार आए - गए तेरे शहर से ,</div><div> पर यूं पैरों में जंजीर सी ना लगी ...!</div>
<div>नमस्तें दोस्तों 🙏🙏</div><div><br></div><div> आप सभी दोस्तों को "अभियंता दिवस " (इंजीनियर
<div>कितने दूर निकल गए हम....</div><div> रिश्तो को निभाते - निभाते .. !</div><div><br></div><di
<div>नमस्तें दोस्तों 🙏🙏</div><div><br></div><div>आज का शीर्षक मैंने <b>आँखे </b>रखी है
<div>जिंदगी शायद तुझे मैं समझ ना पाई,</div><div> तभी तो नींद में सो गई !</div><div>आंखें खुली ज
<div>ऐ मेरे हमनवां </div><div>एक वादा ले ले </div><div>मेरे हाथों में सदा तेरा हाथ र
<div> मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जाएगा ,</div><div>घमंड तुम्हें किस बात का है ,</div><div>कर