shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

Archita की डायरी

Archana Singh

12 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
23 पाठक
निःशुल्क

 

archita ki dir

0.0(1)

पुस्तक के भाग

1

किसने साथ दिया....

11 सितम्बर 2021
5
6
0

<div>किसने साथ दिया किसी का ....</div><div>सब बीच मझधार मे ही छोड़ जाते हैं ....</div><div>वादा करके

2

💕💕 हम मिले ना मिलें...💕💕

11 सितम्बर 2021
1
5
0

<div>वो दिन भी अच्छे थे ....</div><div>दिल क्या मन भी सच्चे थे ....!</div><div>रुसवाईयों के डर से ..

3

मैं खुश हूँ....💕💕

11 सितम्बर 2021
5
5
2

<div>आज मैं तनहाई में भी खुश हूंँ ....</div><div>जिसे पा ना सकी....</div><div> उसकी जुदाई में भ

4

💕 इंतजार 💕

12 सितम्बर 2021
1
4
0

<div>दिल को दरिया बनाए ....</div><div>आंखें बिछाए बैठी हूंँ ..!</div><div><br></div><div>वो लौ

5

💕💕 ग़ज़ल💕💕

12 सितम्बर 2021
1
5
2

<div>बिसरी आस , बिखरे विश्वास ....</div><div>बिन बोए , ना कोई जड़....</div><div> ना कोई शाख ...।

6

🍁अमावस्या 🍁

13 सितम्बर 2021
4
8
2

<div>यूं तो कई बार आए - गए तेरे शहर से ,</div><div> पर यूं पैरों में जंजीर सी ना लगी ...!</div>

7

" अभियंता दिवस " 🙏🙏

15 सितम्बर 2021
3
6
0

<div>नमस्तें दोस्तों 🙏🙏</div><div><br></div><div> आप सभी दोस्तों को "अभियंता दिवस " (इंजीनियर

8

कोई मोल नहीं....

15 सितम्बर 2021
5
6
9

<div>कितने दूर निकल गए हम....</div><div> रिश्तो को निभाते - निभाते .. !</div><div><br></div><di

9

" आँखे "👁️👁️

16 सितम्बर 2021
3
7
2

<div>नमस्तें दोस्तों 🙏🙏</div><div><br></div><div>आज का शीर्षक मैंने <b>आँखे </b>रखी है

10

पछतावे मे ...

26 सितम्बर 2021
0
1
1

<div>जिंदगी शायद तुझे मैं समझ ना पाई,</div><div> तभी तो नींद में सो गई !</div><div>आंखें खुली ज

11

ऐ मेरे हमनवां...

26 सितम्बर 2021
2
2
1

<div>ऐ मेरे हमनवां </div><div>एक वादा ले ले </div><div>मेरे हाथों में सदा तेरा हाथ र

12

🌺 मिट्टी का शरीर 🌺

30 सितम्बर 2021
4
4
2

<div> मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिल जाएगा ,</div><div>घमंड तुम्हें किस बात का है ,</div><div>कर

---

किताब पढ़िए