संध्या के समय मुझे मिल जाया करो ,,
वहां वैकुंठ में स्थिर ना बैठा करो ...
राधा तुम्हारी धरती पर है
धारा भी तुम्हारी धरती पर है
निधिवन तुम्हारा धरती पर है
लता भवन भी तुम्हारी धरती पर है
गोकुल तुम्हारा धरती पर है
यमुना भी तुम्हारी धरती पर है
उपासक तुम्हारा धरती पर है
वृंदा भी तुम्हारी धरती पर है
यूँ लक्ष्मी संग ना बैठा करो
कोई काम जगत के किया करो
संध्या के समय मुझे मिल जाया करो
वहां वैकुंठ में स्थिर ना बैठा करो ...
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