मनुष्य पर छाई है छिपी अंधेरा,
रूप धारण कर वाईरस कोरोना ।
इसका अर्थ है मनुष्य पर भारी ,
क्योंकि है ये महामारी ।
अब मानव की दशा क्या होगी ?
क्या कोरोना की विदाई होगी ?
देख दृश्य मन विचलित हो उठता,
क्या यही है सभ्य की कृपा ।
क्या यह ,
मानव जीवन सिहर उठेगा ?
या संसार पुनः हिलस उठेगा ?