धर्म का वो ढाल है.. अधर्म का वो काल है.. सोलह कलाओं से परिपूर्ण है.. नारायण का स्वरूप है.. मीरा जिसकी पुजारी.. राधा का है मुरारी.. रहीम का मुरलीधर है, गोकुल का चक्रधारी.. कंस का संहारक.. अधात्म का प्रचारक.. अर्जुन का गीता ज्ञान है, धर्म का विचारक.. देवकी का दुलारा.. वो जानकी का प्यारा.. वृंदावन का कान्हा है, गोकुल का नन्दलाला ..!