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मेरा परिचय पूछ रहे हो, कैसे मैं पहचान बताऊँ, खिलते मुरझाते फूलों के, कैसा परिचय पत्र दिखाऊँ; नहीं प्रमाण पत्र है कोई, शिखर विजय या सिन्धु थाह की खोज रहा है अभी स्वयं ही, खुद को खुद अस्तित्व हमारा;