कुछ खट्टी कुछ मीठी तो कुछ चटपटी, यही तो है ज़िन्दगी ,आनंद तो हर स्वाद का मज़ा लेने में है,,
रोने के बाद हँसने में जो मज़ा है, ये तो रोने वाले ही जानते हैं, जो होता है वो अच्छे के लिए होता है, यही जीवन का मूल मंत्र है, जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं, जीवन रसगुल्ले की तरह गोल गोल नहीं, अपितु इसकी गलियां जलेबी की तरह, रस से भरी और टेढ़ी-मेढ़ी सी हैं,,
कभी ये हमें हँसने मुस्कुराने के मौके देती है, तो कभी परेशानी और मायूस होने की वजह भी दे जाती है, ये कभी एक समान नहीं रहती, इसकी संरचना ही प्रभु ने मिश्रित फॉर्म की है, हम सभी बहुत सारे सपने देखते हैं, और उसे पूरा करने की कोशिशें भी करते हैं, कुछ सपने पूरे होते हैं तो हमें खुशी होती है,,
परंतु जो पूरे नहीं होते, उसका दुख हमेशा सालता रहता है हमें, अगर मिल जाए अंगूर तो मीठे हैं, और अगर न मिले तो खट्टे हैं, ऐसा सोचने में हर्ज ही क्या है, तनाव लेने से क्या ये सपने पूरे हो जाएंगे, सोचने और ध्यान देने वाली बात है,,
कुछ बातों को प्रभु के चरणों में समर्पित कर देनी चाहिए, ये सोच कर कि इसी में हमारी भलाई है, हमारे जीवन में कुछ दरवाजे बहुत कोशिशों के बावजूद भी नहीं खुलते, ऐसे दरवाजों को बंद ही छोड़ दें, ये सोच कर कि शायद इसके खुलने से हमारी जिंदगी में कोई तूफान या सुनामी आ जाएगी,,
हर रात की सुबह होती है, एक अकेला सूर्य अकेले ही पूरे जग को रोशन करता है, उसे किसी की जरूरत नहीं पड़ती ,जब भी कभी मन घबड़ाए, अंधकार सा जीवन में छा जाए तो चुपचाप अपने आप को श्री चरणों में समर्पित कर दें, यह सोच कर कि अंधेरे के बाद सुबह का आना तो तय है,,,,
मुस्कुरा कर देखो तो सारा जहां रंगीन है, वरना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला नजर आता है,,,,अपराजिता🍂