कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते,
जुड़े होते हैं दिलों के तार उनके भी
जिनके होंठो पर मोहब्बत के पैगाम नहीं होते,
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
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पी ही लेते हैं वे भी आँखों से छलकती मय,
जिनके हाथों में कभी जाम नहीं होते
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते..
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यों तो शरीक होते हैं इस खेल में लाखो मगर ,
सबकी तक़दीर में इश्क के ईनाम नहीं होते
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते..
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मोहब्बत का आगाज तू कर भी ले शायद,
पर तेरे हाथ में मोहब्बत के अंजाम नहीं होते
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते..
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लिखी जाती हैं पत्थरों से तकदीरें मोहब्बत कीं,
तकदीर –ऐ–मोहब्बत में ऐशो-आराम नहीं होते
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते..
कुछ ऐसी मोहब्बतें भी जहाँ में होती हैं,
जिनके चर्चे ऐ दिल सरे आम नहीं होते,
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते.