shabd-logo

कुछ संकलित शेर

19 जुलाई 2016

160 बार देखा गया 160

      कुछ संकलित शेर

       तुम हमारे किसी तरह न हुए

         वरना दुनियां में क्या नहीं होता

                        अज्ञात

         जिस लम्हं वो मेरे पास से हंसकर गुजर गये

         कुछ ख़ास दोस्तों के भी चेहरे उतर गये |

                      शमीम जयपुरी

         शीशा टूटे गुल मच जाये ,

         दिल टूटे आवाज न आये |

         शीशये दिल से खेलने वाले ,

         देख ये शीशा टूट न जाये |

         कैसी घड़ी थी जब तुम आये ,

         रह गये हम दामन फैलाये |

         उनकी मुहब्बत , उनके नगमें ,

         क्या मन चाहे , समझ न आये |

         कैसी उनकी बज्म थी अनवर ,

         प्यासे गये और प्यासे आये |

            अनवर मिर्जापुरी

               
1

कुछ शेर

16 जून 2016
0
6
1

कुछ मशहूर शेर               मैंने सच कहा तो तुमने मेरा सच भी झूट जानावो जुबाँ कहाँ से लाऊं तुम्हें एतबार आये |                       चन्द्र प्रताप सिंह नजर(बरनी)मैं खुशी से कह  रहा हूँ मेरा फूँक दो नशेमन भला वो भी कोई घर है जहाँ रोशनी नहीं है |                       बेकल बलरामपुरी मौत क्या है जमाने

2

कुछ संकलित शेर

21 जून 2016
0
4
0

मैंने कह दिया सितमगर , येकुसूर था जुबाँ का तुम मुझे मुआफ करदो , मेरा दिलबुरा नहीं है |                              अज्ञात रहा यूँ ही नामुकम्मल मेरे इश्कका फसाना कभी मुझको नींद आई , कभी सो गयाजमाना                                अज्ञात शाखे गुल झूम के गुलजार मेंसीधी जो हुई खिंच गया आँख में नक्शा तेर

3

एक निवेदन के साथ कुछ संकलित शेर

25 जून 2016
0
6
1

निवेदन -  कृपया मेरे ये चयनित शेर आप पुरुस्कार के लिएविचारणीय सामग्री में सम्मिलित न करें | तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा | क्योकि ये तोदूसरों के लिखे शेर हैं | मेरी स्वम् की रचनाएँ थोड़े हीं हैं |               संकलित शेर     घर जो किस्मत से तेरे घर के बराबर होता    तू न आता मगर आवाज तो आती तेरी         

4

कुछ संकलित शेर

7 जुलाई 2016
0
3
0

       संकलित शेर  भरी बज्म में राज की बाट कह दीबड़ा बेअदब हूँ , सजा चाहता हूँ |                     अज्ञात सांस के पर्दों में  बजता ही रहा साजे हयात पाँव के कदमों की आहट  तेजतर होती गई                        अज्ञात नक्शा लेकर हाथ में बच्चा है परेशान कैसे दीमक खा गई उसका हिंदुस्तान                निज

5

कुछ संकलित शेर

13 जुलाई 2016
0
6
2

    कुछसंकलित शेर  शाम से ही बुझा सा रहता है ,दिल हुआ है चिराग मुफलिस का |              अज्ञात झूठ के आगे पीछे दरिया चलते हैं ,सच बोला तो प्यासा मारा जायेगा |             वसीम बरेलवी एक मदारी ( शायर ) के जाने का गम किसको गम तो ये है मजमा कौन लगायेगा |          वसीम बरेलवी मुसलसल गम और लम्बी जिन्दगान

6

कुछ संकलित शेर

19 जुलाई 2016
0
4
0

      कुछ संकलित शेर        तुम हमारे किसी तरह नहुए         वरना दुनियां में क्या नहीं होता                         अज्ञात          जिस लम्हं वो मेरे पास से हंसकर गुजर गये          कुछ ख़ास दोस्तों के भी चेहरे उतर गये |                     शमीम जयपुरी          शीशा टूटे गुल मच जाये ,         दिल टूटे

7

कुछ संकलित शेर

20 अगस्त 2016
0
3
0

कुछ शेर यूँ तेरी तलाश में तेरेखस्ता जाँ चले जैसेझूम झूम कर गर्दे कारवां चले दिल धडक धडक उठा यूं किसी को देख कर जैसे कि बहार में नब्जेगुलसिताँ चले

8

कुछ लोकप्रिय पंक्तियाँ

11 मार्च 2017
0
3
2

तू मन अनमना न करअपना ,इसमें तेरा अपराध नहीं , मेरी धरती के कागजपर , तस्वीर अधूरी रहनी थी | शायद मैंने गत जनमों में , अधबनेनीड़ तोड़े होंगे , प्रिय की पाती लाने वाले बादल वापसमोड़े होंगे | ऐसा अपराध किया होगा , जिसकी क

9

गीत -- अपने रंगों में रंगा रंगीला मन

13 मार्च 2017
0
1
1

अपने रंगों में रंगा रंगीला मन ,अब कोई भी रंग नहीं चढ़ता है | लाल गुलाल मोह ममता -का , तुम मुझ पर मत डारो |कच्चे रंगों वाली अपनी ,यह पिचकारी मत मारो | मेरे पुण्यों के सच्चे हैं सब रंग ,अब कोई भी रंग नहीं चढ़ता है | जो कुछ दिया वही पाया ,

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए