कुछ मशहूर शेर
मैंने सच कहा तो तुमने मेरा सच भी झूट जाना
वो जुबाँ कहाँ से लाऊं तुम्हें एतबार आये |
चन्द्र प्रताप सिंह नजर
(बरनी)
मैं खुशी से कह रहा हूँ मेरा फूँक दो नशेमन
भला वो भी कोई घर है जहाँ रोशनी नहीं है |
बेकल बलरामपुरी
मौत क्या है जमाने को समझाऊँ क्या
एक मुसाफिर था रस्ते में नींद आ गई |
दिल लखनवी
रात यूँ दिल की वीरानियों के करीं ,तेरी
यादों ने जश्ने बहारां किये
मकबरे की मुडेरों पे जैसे कोई तीरगी में
जलता रहा हो दिये |
जुबैर अमरोहवी
तुम मेरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता |
( अज्ञात )
देख कर मुझको रुके , रुक कर चले ,चल कर
रुके
याद हूँ उनको मगर भूला हुआ सा याद हूँ |
( अज्ञत )