कुछ शेर
यूँ तेरी तलाश में तेरे
खस्ता जाँ चले
जैसे
झूम झूम कर गर्दे कारवां चले
दिल धडक धडक उठा यूं किसी को देख कर
जैसे कि बहार में नब्जे
गुलसिताँ चले
फना कानपुरी
दिल इश्क में होता है माइल ब फुगाँ पहले
जब आग सुलगती है उठता है धुंआ पहले
हम
अपने नशेमन के अंजाम से वाकिफ हैं
या वर्के तपाँ आखिर या वर्के तपाँ पहले
फना कानपुरी
मंजिलें दूरतर हो गईं
फासले कम से कम रह गये
जब भी खत लिखने बैठे उन्हें
सिर्फ लेके कलम रह
गये
फना कानपुरी