shabd-logo

कुदरत

30 अक्टूबर 2015

118 बार देखा गया 118

कुदरत
तेरी हर चीज गुलाम है
हम सब भी तो बेजान हैं
तेरा प्यार कब बरसे
और कब बरस जाये तेरा कहर
न जाने क्या क्या 
रंग दिखा जाये तेरा यह पहर
कभी धुप और कभी छाँव
कभी बदरा और कभी वर्षा प्रवाह
कल कल करती हवा जा झोका
कानो को संगीत सुना रही
तेरी बनाई हर चीज 
बस तेरे ही गुण गा रही
आज फिर वो सर्द रात 
की दस्तक , तेरी बर्फीली
हवा से पास आ रही
अब लगने लगा है
फिर से सर्द ऋतू पास आ रही
ओढने का सामान फिर
से नजर आने लगा
हर प्राणी भी धरा पर
तेरे गीत गाने लगा !!

अजीत तलवार

3
रचनाएँ
meerut
0.0
कुछ नहीं
1

कुदरत

30 अक्टूबर 2015
0
0
0

कुदरततेरी हर चीज गुलाम हैहम सब भी तो बेजान हैंतेरा प्यार कब बरसेऔर कब बरस जाये तेरा कहरन जाने क्या क्या रंग दिखा जाये तेरा यह पहरकभी धुप और कभी छाँवकभी बदरा और कभी वर्षा प्रवाहकल कल करती हवा जा झोकाकानो को संगीत सुना रहीतेरी बनाई हर चीज बस तेरे ही गुण गा रहीआज फिर वो सर्द रात की दस्तक , तेरी बर्फीली

2

कुदरत

30 अक्टूबर 2015
0
2
2

कुदरततेरी हर चीज गुलाम हैहम सब भी तो बेजान हैंतेरा प्यार कब बरसेऔर कब बरस जाये तेरा कहरन जाने क्या क्या रंग दिखा जाये तेरा यह पहरकभी धुप और कभी छाँवकभी बदरा और कभी वर्षा प्रवाहकल कल करती हवा जा झोकाकानो को संगीत सुना रहीतेरी बनाई हर चीज बस तेरे ही गुण गा रहीआज फिर वो सर्द रात की दस्तक , तेरी बर्फीली

3

तेरी तस्वीर

30 अक्टूबर 2015
0
1
0

________तेरी तस्वीर पर मेरा ख्याल___________अपनी खूबसूरत तस्वीर पर न नाज कर मेरे प्यारेयह तो फनाह है, शायद तू जानता ही नहीं है प्यारे !!जितना सुंदर तस्वीर को दिखाता है सब को तू प्यारेउतना सुंदर अपना मन भी तो तू बना ले मेरे प्यारे !!चेहरा देख कर तो सब तेरी तारीफ करेंगे ओ प्यारेदिल को साफ़ रख तो तेरा ख

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए