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इश्क़ की वजह नहीं होती इश्क़ तो बेमतलब होता है मतलब की इसमें कोई बात नहीं होती इश्क़ इक तरफ़ा हो या दो तरफ़ा इसमें दीवार नहीं होती इश्क़ कोई भी कर सकता है इसकी कोई जात नहीं होती इश्क़
तू मेरी क़िस्मत है मेरे हाथों पे सजाया गया है तुझे मेरे लिये तू ज़मीं पे उतरी है जैसे आसमां को लिये तेरी पलकों के दरवाज़े खुलते बंद होते मेरे लिये गुलाब सी पँखुडी़ लिये दो लब तेरे चेहरे