अग़र हम अपने जीवन पर ग़ौर करेंगे तो हम पायेंगे की हमारी कथनी और करनी में बहुत फ़र्क है। हम कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं और यही हमारी समस्याओं का मूल कारण भी है। इसी को हम हिप्पोक्रिसी भी कहते हैं। इस दुनिया में बहुत ही कम लोग हैं जिनके कहने और करने में फ़र्क नहीं है। एक मनुष्य जाति वो है जो विकास के सर्वोच्च शिखर पर बैठी है और वहीं एक और मनुष्य जाति है जो अभी भी उच्च पदों पर बैठे लोगों के शोषण का शिकार बनी हुई है।ये कविताएँ एक ओर आपके दिल में तीर बनकर चुभेंगी और वहीं दूसरी ओर आपको जागने पर मजबूर भी करेंगी। कवि बिहारीलाल का एक दोहा है- सतसैया के दोहरे, ज्यों नावक के तीर। देखन में छोटे लगै, घाव करें गंभीर।। “डोन्ट स्पीक” ऐसी शॉर्ट पोयट्री का कलैक्शन है जो गंभीर घाव देने वाली हैं।इसी अभिलाषा के साथ कि ये कविताएँ आपके ह्रदय को परिवर्तित करेंगी, मेरी तीसरी किताब मेरे सभी पाठकगणों को समर्पित है।
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