जब भी घर का कूड़ा निकलता है तो उस कूड़े को हम सब अपने अपने घर के कूड़ेदान में डालते रहते है,और जैसे ही कूड़ेदान भर जाता है हम उस कूड़े को ,या तो कही फेक देते है या कूड़े वाले को दे देते है,और कूड़ेदान को खाली कर लेते है।कुछ लोग ये काम हर रोज करते है ,और कुछ लोग एक या दो दिन का गैप दे के ,ये कूड़े पर भी डिपेंड करता है की हर रोज कितना कूड़ा निकलता है,उसी तरह हमारी जिंदगी में हर रोज कुछ न कुछ कूड़ा तो निकलता ही है,और उन सभी कूड़े को जैसे ,किसी न भाव नही दिया,मेरी बात नही मानी,निंदा की,झूठ बोला बहुत कुछ होता है,हम इकट्ठा करते चले जाते है और ये इकट्ठा होता है हमारे दिल में ,अगर कूड़ा दिल में ज्यादा हो जाएगा और आप उसे डेली या एक दो दिन के गैप में तो वो कूड़ा आपके दिल को सड़ा देगा और आप फिर जानते है की जब कूड़ा सड़ ज्यादा है तो क्या होता बदबू आने लगती है और लोग बीमार हो जाते है,इसी तरह हमारा दिल भी इन सड़े हुए बातों से बीमार हो जाता है फिर लोगो हार्ट अटैक और सर्जरी जैसी चीजें करवानी पड़ती है।
इसलिए आप सब जितना हो सके इन सबसे दूर रहे खुद भी खुश और दिल भी खुश।