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क्या तुम्हे मेरी याद आती है

4 सितम्बर 2021

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तेज हवा की सरसराहट से जब
पेड से पत्ते गिरते है.........
 क्या तुम्हे मेरी याद आती है...


हवाओंके झोंके
 छुते होगे बदन को तुम्हारे
कहते होंगे वे जरूर
 कुछ तो पैगाम हमारे
 और पुछते होगे
क्या तुम्हे मेरी याद आती है...

कडी धुप मे जब 
ढुंढते होंगे तुम छांव....
छॉंव मे बैठे हुये तुम
करते होंगे कुछ तो जरूर याद.....
क्या उन यादोंमे तुम्हे मेरी याद आती है..



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