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लौकिक परंपरा और संस्कृति

30 सितम्बर 2022

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हमारे भारतीय समाज में संस्कृति और सभ्यता को लेकर अनेक बातें कही और लिखीं गई है किन्तु एक बात की सत्यता को हम सबको समझने और गंभीरता से लेने की आवश्यकता है कि क्या इसी परंपरा को आगे की पीढ़ी भी अग्रसारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी? इस भौतिकवादी व्यस्तता में क्या वह कुछ समय निकाल कर हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवंत बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभा पायेगी? रोजगार और रोजीरोटी हेतु जीविकोपार्जन के लिए और इस आपाधापी भागदौड़ भरी अति व्यस्त लाईफ में कुछ समय निकाल कर परंपराओं को जीवंत रखने में सहायक सिद्ध होगा! यह एक अत्यंत जटिल प्रश्न हम सब के बीच उत्पन्न हो रहा है।हम सभी का जीवन संघर्षों व उहापोहो से भरा हुआ है फिर भी हम सभी का दायित्व एक आदर्श नागरिक होने के नाते बनता है कि अपनी परंपरागत शैली को अपनाते हुए अपनी संस्कृति और भारतीय सभ्यता को भी अमल में लाते हुए इसके लिए चिंतनशील होना अति आवश्यक है और उसके विकास हेतु जो भी उपाय हो उन्हें अवश्य करते हुए अन्य को भी इसके लिए प्रेरणादायक का काम करें।

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