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❤️लव फॉर रेंट ( मेरी सुलोचना )👁️ भाग -2

28 सितम्बर 2022

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आपने पिछले भाग में देखा

      अगर आप सब में से कोई एक आदमी भी हटा तो मुझे बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है । इस रेस्टोरेंट को चलाने में और इसे मसहूर करने में तो आप सबका ही हाथ है । मेरा क्या मैं तो बस पैसा लगा दिया है इसमें।

   अब आगे ...

     चीफ - हां यह बात भी है । पर मेरे कहने का मतलब यह नहीं था ।
   आरव - तो फिर किसकी जरूरत है मुझे । पैसों की !उसकी टेंशन आप मत लो चीफ । पैसे मेरे पास है अभी । मैं लोगों कि हेल्प कर सकता हूँ ।
      चीफ - अरे बुद्धू मुझे पता है तुम्हारे पास पैसे हैं और तुम उन पैसों से लोगों की मदद करना चाहते हो ।पर तुम्हारे पास वह नहीं है जिसकी तुम्हें सच में जरूरत है । फीर चीफ आरव को समझाते हुए बोले - आरव बेटे ! तुम्हारी जिंदगी में एक सच्चे साथी की जरूरत है । जो तुम्हें सही गलत का फर्क समझा सके और ये काम एक जीवनसंगिनी से अच्छा कोई नही कर सकता है ।  जो कि तुम्हारे पास अभी नहीं है । मैं जानता तुम्हारा मन कोमल है । तुम्हारे सामने अगर कोई हाथ फैलाए तो तुम उस इंसान को खाली हाथ वापस नहीं जाने देते हो । चाहे वह इंसान जरूरत मंद हो या कोई जुआरी , नशेड़ी ,चोर । तुम यह जाने बगैर ही उनकी मदद कर देते हो । इसलिए तुम्हें मेरी बात माननी होगी । और अब तुम अपने लिए एक जीवनसंगिनी ढूंढो जो तुम्हें सही और गलत लोगों का फर्क  समझा सके । 
     आरव - हम्म ... सोचूंगा ।
चीफ - सोचूंगा नहीं सोचना पड़ेगा । और फीर चीफ हंस कर आरव के कंधों को थप - थपाते हुए बोले - और अब तुम  शादी योग्य भी हो गए हो  ।😆 तो देर किस बात की है जल्दी से किसी अच्छी लड़की को मेरी बहु बनाओं । तुम हैंडसम हो चार्मिंग हो डैंसिंग हो तो तुम्हें तो लड़कि आसानी से मिल जायेगी ।
       आरव अपने भवों को सिकुड़ा कर चीफ की ओर थोड़ा झुक कर उन्हें देखते हुए बोला - चीफ ये आप क्या कह रहे हैं । आपकी तबीयत तो ठीक है ।
      चीफ अटक - अटक कर बोलना शुरू किये - अ .. अ .. मैं ..मैं .. ऐसा थोड़ी ही कह रहा हूं । वो तो अपने रेस्टोरेंट की लड़कियाँ ऐसी बाते करती है आपस में तो मैंने सुन लिया है । और ...और मुझे क्या हुआ है । मेरी तबीयत तो बिल्कुल ठीक है । आरव हंसते हुए बोला - ओ .. अच्छा ऐसा है । मुझे लगा ऐसा आपको लगता है ।😆😆 । चीफ झुठा गुस्सा दिखाते हुए बोले - अच्छा अब जाओ । मेरा इतना किमती वक्त जाया कर दिये तुम । और हा .. मेरी बातों पर जरा गौर करना समझे । 
   आरव हंसकर जाते हुए बोला - जी जी जनाब आपका हुक्म मेरे सर आँखों पर ।

    आरव के दिमाग में यह बात गुंजने लगी जीवनसंगिनी ,जो सही गलत लोगों का फर्क बता सकें आरव की नजर काउंटर के पास खड़ी सुलोचना पर गई । तो आरव अपने आप ही बोल गया । सच्ची जीवनसंगिनी फिर स्माइल किया जो मुझे सही और गलत लोगों का फर्क समझा सके । और फिर आरव रेस्टोरेंट के बाहर निकल गया ।

      जब कभी भी सुलोचना देखती की आरव नकारा लोगों की हेल्प कर रहा है तो सुलोचना वहा जाकर आरव के हाथ से पैसा छिन कर और उसे पैसा दिखाते हुए भाग जाती थी ।

     ऐसे ही आरव एक दिन किसी व्यक्ति को पैसे दे रहा था । तो हमेशा की तरह सुलोचना को लगा की शायद ये आदमी भी उन नाकारा लोगों मे से ही एक है ।  

क्रमशः ...


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रचनाएँ
❤️कसक प्यार की( मेरी सुलोचना )👁️
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ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है । इस कहानी का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या समूह को ठेस पहुंचाना नहीं है ।       आरव एक रेस्टोरेंट का मालिक है । आरव बाहर से दिखने में अकड़ू पर अंदर से मोम की तरह नरम दिल और सुलझा हुआ व्यक्ति है । वो किसी की भी मदद करने में पीछे नहीं रहता । चाहे वो इंसान गलत हो या सही । वो ये जाने बगैर ही मदद कर देता है ।  सुलोचना उस रेस्टोरेंट की वर्कर है ।सुलोचना  झल्ली समझदार और एक मेहनती लड़की है  । रेहान सुलोचना का दोस्त और उसकी जान है । अद्धिक आरव का बचपन का दोस्त और  पार्टनर है । उन दोनों  में सगे भाईयों जैसा प्यार  हैं । आरव सूलोचना का हाथ पकड़कर लगभग खींचते हुए रेस्टोरेंट के बाहर ले गया । आरव गुस्सा से आंख लाल किए सूलोचना को बाजू से पकड़कर एक एक शब्द पर जोर दे कर पूछ रहा था । तुम समझती क्या हो अपने आप को ? तुम कौन हो मेरी ? दोस्त या फिर गर्लफ्रेंड क्या रिश्ता है हमारा ? जब कोई रिश्ता ही नहीं है तो तुम मेरे काम में टांग मत  अड़ाया करो । लालची हो तुम । तुम मेरे पैसे लेकर रख लेती हो ।  कभी मुझे वापस किया तुमने । कभी नहीं । तुम सोची कि मैं तुम से पैसे मांगूंगा  नहीं और  तुम  मेरे पैसे लेकर अमीर बनने का सोचने लगी होगी । है ना । ओ .. अच्छा अब समझा कहीं तुम मुझे जो ज्ञान बाटती फिरती हो ,इसे मत दो उसे मत दो कहीं उसका किराया तो नहीं लेती हो । यह भी हो सकता है । ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ इतने इल्ज़ाम और बेइज्जती के बाद क्या सुलोचना आरव को सही गलत का फर्क समझायेगी ? क्या सुलोचना साथ देगी आरव का ? ये जानने के लिए इस कहानी को पढ़िये । ❤️ रितिका सिंह✍🏻
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