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लव यु एक अनकही सी

15 मार्च 2022

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चंडीगढ की रहने वाली प्रिया "प्रिया त्रिपाठी" गुणवान ,आस्तिक,अपने किस्मत पर गर्व करने वाली एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करने वाली लडकी थी।वैसे तो प्रिया ज़्यादा देर तक पढ़ाई करते रेहना पसंद नही करती थी ,पर उसे हमेशा से लिखना बहुत पसंद था,जब वह लिखने मे मग्न हो जाती थी तो उसे इर्द-गिर्द कुछ दिखाई नहीं दिया था। क्या उसकी इस आदत से यह प्रतित होता है कि उसके अंदर एक लेखिका बनने की प्रतिभा है?और क्या अपने किस्मत पे गर्व करने वाली प्रिया त्रिपाठी अपने लिखवत के दम पर् पहलेे प्यार को पा सकेगी ? या फिर उसकी जिंदगी एक नया मोड़ ले लेगी ? आइये जानने के लिए पढ़ते है प्रिया त्रिपाठी की जिंदगी की कहानी " लव यू इक अनकही सी "।
अब प्रिया अपने किशोर अवस्था मे अपना पहला कदम रख चुकी थी और आज वह अपने परिवार के साथ पूजा टॉकीज फर्स्ट दे फर्स्ट शो नई रिलिज़ फ़िल्म देखने गईं थी ,की भीड़ मे अचानक उसकी हाथ किसी के हाथ से टकराईं और वह तड़प उठी ।
कुछ साल बाद जब वह स्कूल से कोलेज़् मे गई तो उनकी सभी सहेलियां अपनेे अपने बॉय फ्रेंड के बारे बाते किया करती थी पर जब प्रिया से उसके बॉय फ्रेंड के बारे पूछती थी तो वह सिर्फ इतना ही कहती थीं कि,
   (ज़मी से मोहब्बत नहीं हमें ,चाँद से दिल लगा बैठे
जिसको माना हम मोहब्बत का खुदा उन्हीं से नज़रें बैठे।)
प्रिया अब अपनी पढ़ाई खत्म करने के साथ साथ लिखने मै भी इतना निपुर्न् हो चुकी थी की अब उनकी लिखी हुई आर्टिकल्स न्यूज़ पेपर , मैगज़ीन्स मे भी छपनी लगी थी ,कुछ साल बाद प्रिया कि लिखि हुइ आर्टिकल्स लोग बोलीवुड मे भी पढ़ने लगे , प्रियांक जो की बोलीवुड का हीरो था वह उसकी लिखवत् पर आकर्षीत हो उससे मन ही मन इतना प्यार करने लगा थ ,कि वह उससे शादी करने का ही फ़ैसला कर लेता है, पर जब तक वह एडिटर साहब से बात कर प्रिया को अपनी दिल की बात बताता तब तक प्रिया की शादी हो चुकी थी ,और तब इधर प्रिया की शादी की बात जान प्रियांक एक बेजान सी ज़िंदगी जीने लगता है और उधर बिट्टू जो की प्रिया का पड़ोसी था और मन ही मन प्रिया से प्यार करता था वह भी प्रिया की शादी की बात जान टूट सा जाता है।
पन्द्रह साल बाद
इधर प्रियांक की रिंकी से शादी हो डाइवोर्स भी हो चुका होता है उधर प्रिया की दोस्ती फेसबुक द्वारा करण से हो जाती है जो कि  एक बड़े से टीवी शो का हेड होता है।साथ ही साथ आज  के समय मे बिट्टू भी बॉलीवुड का हीरो एक जाना माना हस्ती होता है और अपनी ज़िन्दगी मे कामयाबी की ओर बढ़ता जाता है।
प्रिया उदयपुर मे रहने लगी थी और उन दिनों एक लव स्टोरी लिख रही थी , वह लिखते लिखते अचानक एक जगह पर अटक जाती है और तब उसके पड़ोस के देसाई अंक्ल उसको ऑथर किशोर भरत से मदद् लेने को कहते है जो कि उस ज़माने के सब से बड़े लव स्टोरी राइटर थे और साथ ही साथ उनके दोस्त भी,वह किशोर भरत के बुलाने पर अपनी स्टोरी कम्पलीट करने उदयपुर से मुम्बई के लिए निकल जाती है, जहां वह अपने बचपन के पड़ोसी दोस्त बिट्टू और फेसबुक फ्रेंड  करण  से मिलती है ।करण के टी वी शो के सेट के पास किशोर भरत का ऑफिस होने के वजह से करण प्रिया को अपने भी हेड अरूण पाठक से मिलाने अपने सेट पर ले  जाता है ,और बाकियों के साथ साथ उस शो के राइटर हर्ष से भी उसकी मुलाकात होती है, जहा हर्ष  मीडिल् क्लास फैमिली की लड़की कह हमेशा उसे निचा दिखाने मे लगा रहता था, पर जब अरूण पाठक की बेटी अंजली जिसे की ठंड लग जाती है और हर्ष जिसे अटैक आ जाता है और तब दोनों की ही ज़िन्दगी प्रिया के बचाने के वजह से हर्ष शर्मिंदा होता है और अपने बुरे बर्ताव के लिए माफ़ी मांग उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, प्रिया उसे माफ़ कर उसकी दोस्ती को स्विकार  कर लेती है ।
एक दिन किशोर भरत की तबियत खराब हो जाती है, इधर अरुण पाठक को राजीव शुक्ला से शूटिंग से रिलेटेड बातें करने उसके सेट पे जाना होता है, जो कि किशोर भरत की घर का रास्ता होते हुए होता है, अरुण पाठक को जब पता चलता है कि प्रिया किशोर भरत की ताबित पुछने उनके घर जा रही है तो अरुण पाठक प्रिया को अपने साथ अपनी कार मे ले जाते है ,उनके घर पहुँँच थोड़ी देर बाद प्रिया और अरुण पाठक को तसल्ली हो जाती है कि अब वो ठीक है तो वह प्रिया को अपने साथ राजीव शुक्ला से मिलाने उसके सेट पर ले जाते है,
प्रिया राजीव शुक्ला से मिल उनके सेट मे घूमने लगती है, थोड़ी देर बाद जब सेट पे हल्ला होने लगता है, कि हीरो आ गया तो सब हीरो के आव भगत मे लग जाते है और शूटिंग के लिए अपने अपने अपने पोजीशन लेना शुरू कर देते है, इतने मे प्रिया सूट का दुपट्टा सेट के तार मे फस जाता है, और वह पीछे की ओर गिरने लगती है यह देख प्रियांक  दौरता हुआ प्रिया को पाकडता है और उसकी बाहे थाम उसे बचाता है, दोनों की ही आँखे बंद होती है, दिल की धडकने तेज़ हो जाती है, थोड़ी देर बाद जब धीरे धीरे दोनों आँखे खोल एक दूसरे को देखते है तो मानो दोनों को सारी दूनिया की खुशियाँ आज मिल गई हो ।
थोड़ी देर बाद जब अरूण पाठक आते है, प्रिया प्रियांक को प्यार भारी नज़रों से देखते हुए अरुण पाठक की कार मे बैठ चली जाती है ।
प्रिया जी तो शादी शुदा है तो मै कैसे उन्हें लव यू प्रिया जी केह दू ? नहीं यह गलत होगा मै ऐसा नहीं केह सकता तो क्या हुआ की मै हमेशा से प्रिया जी प्यार किया हु तो क्या हुआ की उनके बगैर मेरा जीवन अधूरा है, वो तो शादी शुदा है और अपने जीवन मे खुश भी ,तो उनको लव यू कैसे कह दू? कैसे?प्रियांक यह सब सोचता है।
प्रियांक जी मै हमेशा से आपसे प्यार करती आई हु ,लेकिन आप देश के इतने बड़े सुपर स्टार हो और मै एक मामूली सी ऑथर , तो क्या हुआ की मै आपके नाम का दिया अपने दिल मे जलाती आई हु, तो क्या हुआ की मै सिर्फ और सिर्फ आपही से प्यार करती आई हु ,और आपके बैगैर जी नहीं सकती । कैसे केह दू लव यू प्रियांक जी ?तो क्या हुआ की प्रियांक जी के जैसी मै भी तलाक शुदा हु ,हु तो प्रियांक जी के सामने एक मामूली ऑथर ही ना ,प्रिया यह सोच रोती है।
रोज की तरह उस दिन भी प्रिया समय पे किशोर भरत की ऑफिस पहुँँच जाती है और अपने राइटिंग में लग जाती है।कुछ घंटों बाद सीढ़ीयो से उतरती हुई पांवों लड़खड़ाने के वजह से वह गिर कर बेहोश हो जाती है , इधर प्रियांक राजीव शुक्ला के कहने पर प्रिया कि स्टोरी के बारे दिस्कश् करने के लिए किशोर भरत की ऑफिस पहुँँचता है तो प्रिया को बेहोश देख उसे फ़ौरन अपनी गोद मे उठा कर अपनी कार मे हॉस्पिटल ले जाता है ।
दो घंटे बाद डॉक्टर प्रिया का छोटा सा ऑपरेशन कर प्लास्टर लगा देता है और ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकलता है ,प्रियांक उसकी सेवा करता है, अपनी  असल जिंदगी की बातों को छोड़ कर प्रिया प्रियांक मे काफी बाते होती है,  प्रियांक के सेवा के दौरान कारण और बिट्टू को प्रिया प्रियांक के एक दूसरे से बेपनाह प्यार के बारे पता चल जाता है ,साथ ही  साथ ये भी  दोनो जान  लेते है कि आखिर कौन सी गलत्तफेमी के वजह से दोनो एक दुसरे को (लव यू ) नहीं केह पा रहे है ।ये दोनों ही अपने अपने जस्बात को एक दूसरे से  भी छिपा लेते है और अपनी दोस्ती को  सर्वोत्तम रख   प्रिया प्रियांक को एक करने की प्लानिंग करते है।
                            कुछ दिनों बाद प्रिया ठीक हो हॉस्पिटल से डिशचार्ज हो जाती है और अपनेे बिराट होटल मे ही रहने चली जाती है।
कुछ दिनों बाद
एक दिन प्रियांक सुबह सुबह सूटिंग के लिए अपनी कार से जा राहा था कि अचानक उसकी कार की ब्रेक फैल हो जाने के वजह से उसकी कार एक पेड़ से टकरा जाती है , और उसमे आग लग जाती है ।न्यूज़ देख जब ये बात प्रिया को पता चलती है तो वो दौड़ती हुई हॉस्पिटल पहुँँचती है, प्रियांक को वहां ठीक देख उसकी जान मे जान आती है, और खुश हो उसकी सेवा मे जुट ,उसे पूरी तरह स्वस्थ करती है।
कुछ दिनों बाद
इधर  प्रिया प्रियांक के जन्मदिन के शुभ अवसर पर  बहुत खुश होती है और भगवान से उसके लिए  प्राथना करने मंदिर जाती है, उधर प्रियांक अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर होटल ब्लू _पेलेस  मे पार्टी  देता है जहां प्रिया खास मेहमान होती है,  और आज पहली बार प्रिया प्रियांक मे लिप लॉक होता है, पर दोनों फिर से गलतफैमि के वजह से अलग हो जाते है और अफ़सोस करते हुए बर्थडे गिफ्ट एंड रेटर्न  गिफ्ट समझ जाने देते है।
कुछ दिनों बाद
प्रियंका का जिगरी दोस्त फैशन डिजायनर अजय संवि की माहबलेश्वर मे पार्टी होती है जहां प्रिया भी इन्वाइटिड होती है, प्रियांक उसे अपने साथ पार्टी मे ले जाता है ,प्रिया काफी लोगों से मिलती है और  पार्टी  एन्जॉय करती है ।
कुछ घंटों बाद
प्रिया प्रियांक पार्टी से लौट रहे होते है आधे रास्ते मे बारिश शुरू हो जाने के वजह से प्रियांक की गाड़ी खराब हो जाती है और उसे कार रोकनी पड़ती है।बारिश मे प्रिया को मस्ती सूझती है ,और प्रियांक के मना करने पर भी प्रिया बारिश मे खेल बीमार पड़ जाती है, प्रियांक प्रिया कि सीमा का खयाल रखते हुए अपनी बदन की गर्मी देता है और उसकी जान बचाता है।
कुछ दिनों बाद
प्रिया कि राइटिंग खत्म हो जाती है और वह उदयपुर वापस लौट जाती है।
छह महीने बाद
अरुण पाठक से प्रिया को पता चलता है कि उसकी लिखी हुई लव स्टोरी की फिल्म बन चुकी है ,और परसों रिलीज़ होने वाली है, उनके कहने पर प्रिया मुंबई चली आती है।
प्रिया की लिखी हुई कहानी सुपर हिट होता है , जिसमे प्रियांक हीरो होता है और प्रिया को इतनी अच्छी लव स्टोरी लिखने के लिए राष्ट्रपति द्वारा  पुरुस्कार मिलता है।प्रिया अपनी कामयाबी का श्रेय सब को देते हुए सब से ज्यादा किशोर भरत को देती है, और कहती है एक अकेला इंसान कुछ नहीं कर सकता अगर लोग उसका साथ ना दे तो,इधर प्रियांक को भी अच्छी एक्टिंग के लिए अवार्ड मिलता है जिसे देख प्रिया बहुत खुश होती है।
करण बिट्टू अब पूरी तरह से सोच लेता है कि अब तो प्रिया प्रियांक को एक कर के ही रहेगा ,
कुछ दिनों बाद
प्रियांक की शूटिंग होती है ,और शूटिंग के दौरान प्रियांक को रस्सी के सहारे पहाड़ से कूदना होता है और वहां प्रिया भी होती है, इधर करण   प्रियांक को सेफ्टी बेल्ट थोड़ा ढीला बाँध देता है उधर बिट्टू भी प्रिया की चूड़ी मे   वहीं    रस्सी बाँध देता है,     जिसकी डोर प्रियांक की रस्सी से जुड़ी हुई थी,   ताकि दोनों ही एक दूसरे के साथ पहाड़ से उतरने लगे और रस्सी ढ़ीला होने के वजह से डर कर या फिर प्यार के वजह से एक दूसरे को बचाने की कोशिश कर प्यार को स्विकार कर (लव यू )कह दे।
इधर करण और बिट्टू भी रस्सी के सहारे पहाड़ से उतरने लगते है ,पर इससे पहले की रस्सी के ढीले होने के वजह से दोनों डर कर एक दूसरे को लव यू कह दे , रस्सी पहाड़ की नोक से लग कर कटने लगती है, इतने मे करण और बिट्टू की नज़र प्रिया प्रियांक की रस्सी पर पडती है, जो कि कटती जा रही थी,
प्रिया प्रियांक के पास बिट्टू पहले पहुँँच रहा था दोनों एक दूसरे को कहते है कि बिट्टू के साथ वह चलें जाए ,क्योकि बिट्टू की रस्सी पतली होने के वजह से वह टूट सकती है, पर प्रिया प्रियांक दोनों ही एक दूसरे को छोड़ बिट्टू के साथ जाने को तैयार नहीं हो रहे थे , इसी कहा सूनी मे प्रिया प्रियांक की रस्सी कट जाती है, रस्सी कटते  ही दोनों डर जाते है और घबराते हुए  एक दूसरे का हाथ पकड़     आज वो बात बोल देते है जो बरसो से न केह पाये थे ।
(    लव यू प्रियांक जी, लव यू प्रिया जी  )
और दोनों गिरने लगते है, इतने मे बिट्टू प्रिया को और करण प्रियांक को पकड़ लेता है ,नीचे नेट भी बँधी रहती है, जो कि बिट्टू और करण द्वारा बाँधी गई थी,और चारों धीरे धीरे नीचे उतरने लगते है ।
आज करण और बिट्टू प्रिया प्रियांक के मुँह से प्यार का इजहार करवा बहुत खुश होता है ,पर अभी भी करण और बिट्टू को एक बात समझ नहीं आ रही थी कि ,   प्रियांक की सेफ्टी बेल्ट ढीली होने के वजह से भी खुली नहीं और    पहाड़ के मोइने के वक़्त तो कोई पहाड़ मे नोक नहीं थी फिर अचानक्
नोक आई कहां से ? क्या यह करिश्मा तो नहीं जो बिट्टू और करण द्वारा सम्पूर्ण हुई है ।भगवान किसी की मदत के लिए खुद नहीं आते पर मदत के लिए किसी को जरूर भेज देते है ।
वजह जो भी हो अंततः दोनों अपने अपने प्यार का इजहार कर लिए ये बहुत बड़ी बात हुई ।
प्रिया प्रियांक की शादी की तैयारी होने लगती है, राइटर हर्ष  
की पत्नी प्रतिमा जो कि प्रिया कि मुँह बोली भाभी होती है वह हसीं मज़ाक करना शुरू कर देती है ।प्रिया के देसाई अंक्ल ऑन्टी प्रिया को सब से पहले हल्दी लगाते है फिर प्रतिमा और बाकी औरते ।
रात दो बज़े
प्रियांक हल्दी ,मेहंदी ,संगीत सारे रस्म हो जाने के बाद सब से छुपता छुपाता प्रिया के घर आ खिड़की से उसके कमरे मे आता है ,और दोनों  बाते करने लगते है,   बातें करने के दौरान प्रिया यह जान जाती है कि उसकी किशोर अवस्था मे सिनेमा हॉल जिसकी हाथ उसके हाथ से टकराई थी वह और कोई नहीं उसके प्रियांक जी थे ,और साथ ही साथ यह भी पता चलता है कि सिर्फ वो ही अपने प्रियांक जी से नहीं बल्कि प्रियांक जी भी हमेशा से उसी से प्यार करते आए है।और अब यही सब बाते करते करते दोनों इमोशनल हो अपनी सीमा रेखा पार कर आज सेक्स कर लेते है,अगले दिन दोनों की शादी हो जाती है और आखिरकार प्यार एक हो जाते है।
समाप्त

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