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लोग वंहा मूवी बनाने कहते है...

17 अगस्त 2022

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रचनाएँ
jogeshwari sadhir's movie script &struggle
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मेरी यह नई किताब मेरे स्क्रिप्ट और फिल्मों में मेरे स्ट्रगल के बारे में है. मैंने लगातार संघर्ष किया लेकिन मुझे सफलता नहीं मिली है और अब मै फिर से किताबों की दुनिया की ओर लौटी हूँ क्योंकि कुछ न कुछ तो करना है तो क्यों न लेखकों के मार्गदर्शन हेतु कुछ प्रैक्टिकल तौर पर काम किया जाये? मेरा यंही मूल उद्देश्य रहा है कि जो लोग ईमानदारी से लिख रहें है उन्हें सही मार्गदर्शन दूँ क्योंकि जो ठगी मेरे साथ हुईं इसकी वजह से जो डिप्रेशन मैंने झेला वो सब बहुत ही दुःखद है. एक लेखक बहुत पैसे वाला नहीं होता उसके पास जो सिमित साधन होते है उसी में वो लेखन की साधना करता है लेकिन जो सपने लेकर वो मुंबई जाता है वंहा उसके उल्टा होता है. अपने इन्हीं संघर्षो पर लिखने के अलावा अपने सांग और स्क्रिप्ट भी मै इस पोर्टल पर छापवाउंगी ताकि आप जान सके कि क्या होती है स्क्रिप्ट राइटिंग? इसकी बारीकीयां... pls!मुझे जिस भी की बोर्ड पर लिखना होता है कई बार उसमें छोटी और बड़ी ई के शब्द सही नहीं आ पाते तो इस तकनीकी त्रुटि हेतु क्षमा चाहूंगी.
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आज शुरुआत है..

14 अगस्त 2022
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शब्द इन से जीवन में नया अध्याय शुरू कर रही हूँ. इससे मै बहुत कुछ नया सीख और पा सकूंगी. अभी फ़िल्म जगत में किये संघर्ष और वंहा से मिले धोखे पर लिखूँगी.

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किताबों से पुराना नाता है..

14 अगस्त 2022
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मेरा किताबों से पुराना नाता है. मेरी अभी तक   14 किताबें छप चुकी है मेरे  8 सांग बने है मैंने अनेक स्क्रिप्ट रजिस्टर की है इसलिए मै शब्दइन में अपनी कुछ स्क्रिप्ट भी लिख सकती हूँ जिसका कॉपी राइट मेरा

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मूवी लेखन की शुरुआत और वंही पुरानी बात..

14 अगस्त 2022
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मै अपने पाठकों से मुताबिक हूँ और बताना चाहती हूँ कि एक विज्ञान की छात्रा होने के बावजूद मुझे इसकी लत या चसक लगी थी स्कूल के दिनों में.. ज़ब बुआ जी के घर से डर कर मै बाबूजी के घर आई थी तब मेरी छटवी कक्ष

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मूवी लेखन की शुरुआत और वंही पुरानी बात..

14 अगस्त 2022
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मै अपने पाठकों से मुताबिक हूँ और बताना चाहती हूँ कि एक विज्ञान की छात्रा होने के बावजूद मुझे इसकी लत या चसक लगी थी स्कूल के दिनों में.. ज़ब बुआ जी के घर से डर कर मै बाबूजी के घर आई थी तब मेरी छटवी कक्ष

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मूवी लेखन की शुरुआत और वंही पुरानी बात..

14 अगस्त 2022
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मै अपने पाठकों से मुताबिक हूँ और बताना चाहती हूँ कि एक विज्ञान की छात्रा होने के बावजूद मुझे इसकी लत या चसक लगी थी स्कूल के दिनों में.. ज़ब बुआ जी के घर से डर कर मै बाबूजी के घर आई थी तब मेरी छटवी कक्ष

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मूवी स्क्रिप्ट के बारे में..

14 अगस्त 2022
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यंहा ये बता देना चाहूंगी कि सबसे पहले मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी थी माधुरी पत्रिका में जो कि विनोद तिवारी जी की बहुत स्तरीय पत्रिका थी और इस पत्रिका में बहुत ही अच्छी जानकारी तथा अच्छे स्तर के लेख होते थे. म

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स्क्रिप्ट क्या होती है..

14 अगस्त 2022
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आईये! इधर -उधर की बातें तो होती रहेगी. रात्रि का समय अध्ययन और साधना का समय होता है ज़ब हम एकाग्रता से कठिन पाठों को समझ सकते है. मैंने स्क्रिप्ट पर अपने कुछ नोट्स तैयार किये है जो यंहा दे रही हूँ. पट

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आओ!सिने क्लब बनाये.....

14 अगस्त 2022
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हमारे पास क्लासिक सिनेमा की पूंजी है आओ!हम नया सिनेमा रचे सब मिलकर एक अच्छा परोपकारी व जनकल्याणकारी सिनेमा रचे जो देश को अभिव्यक्ति दे जो जीवों का भलाई करें. आओ!हम शिव को जगाये तथा साधना का सिनेमा रचे

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भारतीय क्लासिक सिनेमा..

14 अगस्त 2022
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भारतीय क्लासिक सिनेमा को हम देखते सुनते आये है. बचपन में भी हमें सिनेमा की धुन थी शौक था हालांकि हम सिनेमा सुनते नहीं देखते और पढ़ते थे. अद्भुत था वो राष्ट्र ज़ब हम सिनेमा को देखते नहीं सुनते और पढ़ते थ

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जो हम नया देंगे वो अद्भुत और अनुकरणीय होगा...

14 अगस्त 2022
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हम जो आज सीखेंगे मिलकर सीखेंगे और एक नया सिनेमा रचेंगे जिसकी नींव हमारे पुरोधा महान ऐतिहासिक सिने निर्माता -निर्देशकों ने रखी थी उस परम्परा को आगे बढ़ाएंगे और नया सिनेमा बनाएंगे. खंगालेंगे उन सहेजी या

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पटकथा का आधार होती है स्टोरी या कहानी

14 अगस्त 2022
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हम जो कहानी लिखते या सोचते है वंही होती है पटकथा का आधार उसी पर आधारित होकर लिखी जायेगी एक पटकथा या स्क्रीनप्ले जिसे स्क्रिप्ट कहते है. हम दृश्य या विसुअल लिखते है हम जो कहानी सोचते है उसके दृश्य लिखत

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पटकथा का आधार होती है स्टोरी या कहानी

14 अगस्त 2022
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हम जो कहानी लिखते या सोचते है वंही होती है पटकथा का आधार उसी पर आधारित होकर लिखी जायेगी एक पटकथा या स्क्रीनप्ले जिसे स्क्रिप्ट कहते है. हम दृश्य या विसुअल लिखते है हम जो कहानी सोचते है उसके दृश्य लिखत

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पटकथा का आधार होती है स्टोरी या कहानी

14 अगस्त 2022
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हम जो कहानी लिखते या सोचते है वंही होती है पटकथा का आधार उसी पर आधारित होकर लिखी जायेगी एक पटकथा या स्क्रीनप्ले जिसे स्क्रिप्ट कहते है. हम दृश्य या विसुअल लिखते है हम जो कहानी सोचते है उसके दृश्य लिखत

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हम देश का मान बढ़ाएंगे...

14 अगस्त 2022
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हम सिनेमा के जरिये ऐसा सिनेमा रचेंगे जिस पर समुची मानव -सभ्यता को प्रेरणा मिले और उसका मान बढ़े एक नया सिनेमा जिसे सत्यजीत राय ने रचा और विमल राय, ऋषिकेश मुखर्जी तथा गुलजार जैसे निर्देशकों ने संवारा था

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हम देश का मान बढ़ाएंगे...

14 अगस्त 2022
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हम सिनेमा के जरिये ऐसा सिनेमा रचेंगे जिस पर समुची मानव -सभ्यता को प्रेरणा मिले और उसका मान बढ़े एक नया सिनेमा जिसे सत्यजीत राय ने रचा और विमल राय, ऋषिकेश मुखर्जी तथा गुलजार जैसे निर्देशकों ने संवारा था

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स्क्रिप्ट के synopsys लिखूँगी..

15 अगस्त 2022
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यंहा अपने पाठकों के अलावा निर्माता -निर्देशकों के लिए मै अपनी फिल्मों के synopsys भी लिखूँगी. कोबरा नामक स्क्रिप्ट के synopsys से मै इसका आरम्भ करूंगी.

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फ़िल्मी दुनिया की कहावत है..

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एक कहावत मशहूर है मुंबई में कि जिससे बदला लेना हो उसे फ़िल्मी दुनिया में घुसा दो बस उस शख्स से बदला पूरा हो जायेगा. क्योंकि फ़िल्मी दुनिया है पूर्णतया अनिश्चित... लेकिन आज कई ऑप्शन है फिर भी एक गरीब इंस

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characters या पात्र

15 अगस्त 2022
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हर स्टोरी में अच्छे और बुरे पात्र होते है और पात्र आपस में जो बात कहते या करते है वो संवाद होते है. कोई भी संवाद लेखक भी बन सकता है किन्तु वंही बात होती है चांस की जिसे अवसर मिलेगा वंही होगा शहंशाह व

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संवाद से होता है चरित्र -चित्रण

15 अगस्त 2022
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स्टोरी या स्क्रिप्ट में संवाद के माध्यम से ही लेखक पात्रों का चरित्र -चित्रण करते है और कहानी आगे बढ़ती है. शोले फ़िल्म में ज़ब गब्बर पूछता है -होली कब है? तभी आगे के घटना -क्रम की शुरुआत होती है और कह

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स्टोरी conflicts या द्वन्द से आगे बढ़ती है...

15 अगस्त 2022
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कोई भी स्टोरी में हम सीधे सुख ही सुख या ख़ुशी ही ख़ुशी नहीं लिख सकते. कहानी आगे बढ़ती है ज़ब स्टोरी में ट्विस्ट आता है ज़ब conflict होता है जैसे दो दोस्त होते है दोस्ताना मूवी में और उनमें जीनत अमान या हीर

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वातावरण चित्रण

15 अगस्त 2022
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जंहा घटना घटती है उस लोकेशन का चित्रण वातावरण चित्रण कहलाता है. जैसे संजीव कुमार से ज़ब जय और वीरू कहते है कि उसने पास में बंदूक रहकर भी डाकूओं को क्यों नहीं मारा उस वक़्त के वातावरण में कुछ पल एक ख़ामो

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वातावरण चित्रण

15 अगस्त 2022
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जंहा घटना घटती है उस लोकेशन का चित्रण वातावरण चित्रण कहलाता है. जैसे संजीव कुमार से ज़ब जय और वीरू कहते है कि उसने पास में बंदूक रहकर भी डाकूओं को क्यों नहीं मारा उस वक़्त के वातावरण में कुछ पल एक ख़ामो

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द्वन्द या conflict

16 अगस्त 2022
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स्टोरी में कन्फलीक्ट conflict होना चाहिए इससे कहानी में नाटकीयता बढ़ती है. जैसे बीरु और जय को ठाकुर ने गांव में बुलाया उन्हें वंहा अच्छा लगने लगता है क्योंकि बसंती और ठाकुर की बहु से उनका जुड़ाव हो जात

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लोग वंहा मूवी बनाने कहते है...

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आप मुंबई चले जाओ तब कोई मदद नहीं करता या आपको चांस नहीं दिलाता सभी आपको मुर्गा बनाकर लूट लेते है यंही उनका धंधा है. आपको मूवी बनाने लाख लाने बोलेंगे. ऐसे भी लोग है जो कहते है जो कहते है 50 करोड़ लाओ और

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लोग वंहा मूवी बनाने कहते है...

17 अगस्त 2022
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आप मुंबई चले जाओ तब कोई मदद नहीं करता या आपको चांस नहीं दिलाता सभी आपको मुर्गा बनाकर लूट लेते है यंही उनका धंधा है. आपको मूवी बनाने लाख लाने बोलेंगे. ऐसे भी लोग है जो कहते है जो कहते है 50 करोड़ लाओ और

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मुंबई से मन उचट गया अब...

19 अगस्त 2022
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मुंबई जाने पहले बड़े उत्साह से तैयार होती थी और विदर्भ एक्सप्रेस को अपना दुसरा घर बता कर उतनी लम्बी यात्रा भी मै कर लेती थी. अकेले भी कई बार गईं और मुंबई का माहौल अच्छा लगा. लेकिन इस बीच मेरे साथ लगात

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स्ट्रगल के दौरान चीटिंग होती गईं....

19 अगस्त 2022
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मुंबई में मै जितनी बार गईं मुझसे चीटिंग होती गईं इससे मुझे अब मुंबई जाकर स्ट्रगल करने की हिम्मत खत्म हो गईं जो भी मिला मुझसे लूटपाट ही करता गया. मुंबई में किसी भी स्ट्रगल करने वाले को लुटना एक ट्रेंड

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एक लड़के ने पत्रकार बनकर नॉवेल की प्रतियाँ ले ली थी...

19 अगस्त 2022
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ज़ब मै नागपुर में थी तब डॉ लोहिया के यंहा एक लड़का या युवक आता था वो झूठा निकलेगा ये पता नहीं था. उसने मेरी तब प्रकाशित नॉवेल की समीक्षा लिखेगा ये झूठ बोलकर मुझसे जंवा कुसुम की 2 प्रतियाँ लेकर गया फिर उ

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