Writer
निःशुल्क
कितनी उम्मीदे है बंध जाती है तुमसे तुम जब आते हो अब के बरस देखे क्या दे जाते हो क्या ले जाते हो सफलता पानी है तो मुश्किलें ओर नेगेटिव लोग आयेंगे ही, जब मैं टुटकर बिखर जाता हूं मुझे तुम समेटने आ जाते