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कितनी उम्मीदे है बंध जाती है तुमसे तुम जब आते हो अब के बरस देखे क्या दे जाते हो क्या ले जाते हो सफलता पानी है तो मुश्किलें ओर नेगेटिव लोग आयेंगे ही, जब मैं टुटकर बिखर जाता हूं मुझे तुम समेटने आ जाते