shabd-logo

माँ

18 मई 2023

7 बार देखा गया 7

नमस्कार  दोस्तों

माँ क्या होती है? आप सभी को पता होगा पर  किसके नजर  में माँ क्या है  ये किसी को नहीं पता.किसी के नजर में माँ भगवान का रूप है और किसी के नजर में मतलब के रिश्ते. जिसे लोग सिर्फ स्वार्थ भाव  से देखते हैँ.लोग यहां मतलब  के रिश्ते बनाते हैँ एक माँ ही है जो कभी मतलबी नहीं होती. आज मै एक ऐसे ही माँ की कहानी बताने जा रही हू. जो शायद आप लोगों को पसंद आये.


रात के 2 बज रहे थे. फ़ोन की घंटी बजती है.28 साल का आकाश जल्दी से ख़ुश होकर फोन उठाता है उसको लगता है की उसकी गर्लफ्रेंड इतने समय फ़ोन की होगी. क्यों की अभी उसकी जल्दी ही गर्लफ्रेंड बनी थी जो बिना समय देखे कभी भी फ़ोन करती थी. ज़ब उधर से आवाज आती है की जन्मदिन की बहुत बधाई बेटा. आज तू पूरा 28 साल का हो गया.माँ बोलती है मै बहुत ख़ुश हूं. माँ की आवाज सुनते ही उसके चेहरे की सारी  खुशी  ख़त्म हो जाती है. लड़का बोलता है माँ तुम्हारा दिमाग़ ख़राब हो गया है बस इतनी सी बात के लिए आपने इतनी रात को फ़ोन किया. मेरी नींद ख़राब कर दी आपने कहकर फ़ोन रख देता है.

कुछ ही समय बाद फिर फ़ोन बजता है. आकाश फ़ोन उठाता है  तो फ़ोन पर पापा थे. इस बार वो आराम से बात करता है. उसके पापा उसको बर्थडे विश करते है लड़का थैंक्यू भी बोलता है.बोलता है कि आपने मुझे इतनी रात में विश किया थैंक्यूय पापा.


पापा कहते हैं कि नहीं बेटा मैंने तुम्हे मुबारकबाद के लिए  फ़ोन नहीं किया मैंने ये बताने के लिए फ़ोन किया कि तुम्हारी माँ बिल्कुल पागल है वो इतनी पागल है कि पिछले 1 महीने से रोज तेरा जन्मदिन याद दिलाती है.


इतने किलोमीटर की दुरी होने के बाद भी  तुम्हारी माँ आपने हाथों से केक बनाया है.ऊपर से जिद कर बैठी है की जब तक विश नहीं कर लेगी तबतक  ना खुद खाना खायेगी  ना मुझे खाने देगी.


आकाश सब बड़े ध्यान से सुन रहा था और उसे बहुत बुरा लग रहा था की मैंने माँ को भूलता जा रहा हूं जिन्होंने मुझे जन्म दिया बड़ा किया.आकाश बोला पापा माँ पागल नहीं हैं.

पापा कहते हैं तू आपने माँ के पागलपन को नहीं जानता मै जानता हूं की वो 28 से साल पागल है. जब तुम्हारा जन्म हुआ तो डॉक्टर ने कहा की किसी एक को ही बचा सकता हूं तुम्हारी माँ ने 1 सेकंड भी नहीं लगाया की किसकी जान बचानी हैं.मुझे कसम देकर  फॉर्म पर साइन कराने के लिए मना लिया जिस पर लिखा था की इनकी जिंदगी इस ऑपरेशन से खतरे में हैं अगर कुछ होता हैं तो डॉक्टर जिम्मेदार नहीं होगा.

अब तू ही बता जो औरत तुझे बचाने के लिए मरने को तैयार हो उसे पागल नहीं तो और क्या कहएँगे. इतना कहकर पापा ने फोन रख दिया.

आकाश को महसूस हुआ जो वो कर रहा था वो गलती नहीं वो गुनाह है.एक बार इंसान को दुख दो तो चल जाता है पर भगवान के दिल दुखाना गुनाह होता है.

सुबह होते ही आकाश माँ के पास पहुंच गया और आपने किये का माफ़ी मागने लगा. माँ ने उसे गले से लगाया.फिर पापा से माफ़ी मांगी तब पापा ने बोला कोई बात नहीं बेटा.

तू वापस चला जा बेटा. तेरी माँ हमेशा कहती थी की उसे तू बुढ़ापे में संभाल लेगा.

पर जो बेटा फ़ोन करने पर परेशान हो जाये तो वो उम्र भर क्या संभालेगा. आजतक मै जैसे  देखते आया हूं वैसे ही आगे बहुत देखता रहुगा.

पापा की बात कड़वी थी पर सच थी  उसकी आँखों से आंसू बहने लगे और वही चुप चाप खड़ा रहा.

बेटे को परेशान होते देख माँ आगे आती है.और कहती है जाने दीजिये माफ कीजिये हमारा ही बेटा है..


माँ की ममता का कोई मोल नहीं लगा सकता.

9महीने की प्रसव पीड़ा झेलने के बाद भी  हमारी माँ ही हमें माफ कर सकती है.

Ruchi Tripathi की अन्य किताबें

अन्य डायरी की किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए