कुछ कविताएँ महाभारत के पात्रों को लेकर और कुछ समाज के अन्य पहलुओं का चित्रण करती हुई
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<p>छीनकर</p> <p>अपनी ही सन्तान के हक़ </p> <p>अपने सुखों में लीन हैं</p> <p>आज भी कई पिता</p> <
<p>माना कि</p> <p>बाँध दिया था</p> <p>गांधारी को</p> <p>उसकी इच्छा के विरुद्ध</p> <p>अंधे वर के साथ<
<p>देखना</p> <p>खुद से होता हैं</p> <p>सुना</p> <p>दूसरों को जाता हैं</p> <p><br></p> <p>दूसरे क्या
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