मैं
हिन्दू हूं
इसीलिए
वे मुसलमान और ईसाई हैं
जैसे
मैं चर्मकार हूं
इसीलिए
वे बिरहमन या दुसाध हैं
आज
हमारा होना
हमारे
कर्मों,
रहन-सहन
और
देश-दिशा
के अलगावों का सूचक नहीं
हम
इतने एक से हैं
कि
आपसी घृणा ही
हमारी
पहचान बना पाती है
मोटा-मोटी
हम जनता या प्रजा हैं
हम
सिपाही,
पुजारी,
मौलवी,
ग्रंथी,
भंगी,
चर्मकार,
कुम्हार,
ललबेगिया
और बहुत कुछ हैं
क्योंकि
हम डाक्टर,
इंजीनियर,
नेता,
वकील,
कलक्टर,
ठेकेदार,
कमिश्नर
कुछ भी नहीं हैं
उनके
लिए क्लब हैं,
पांच
सितारा होटल हैं
एअर
इंडिया की सेवाएं हैं
हमारे
लिए मंदिर-मस्ज़िद-पार्क
और मैदान हैं
मार
नेताओं के नाम पर
और
उनमें ना अंट पाने के झगडे़
हैं
हम
अरक्षित हैं
इसीलिए
हमें आरक्षण मिलता है
मंदिरों-मस्ज़िदों-नौकरियों
में
जहां
हम अपनी भक्ति और
योग्यता
के आधार पर नहीं
अक्षमताओं
के आधार पर
प्रवेश
पाते हैं
और
बादशाहों और गुलामों के
प्यादे
बन जाते हैं ।
कुमार मुकुल की अन्य किताबें
एम ए ( राजनीति विज्ञान ) ।1989 में अमान वीमेंस कालेज फुलवारी शरीफ] पटना में अध्यापन।1994 से 2005 के बीच हिन्दी की आधा दर्जन
पत्र-पत्रिकाओं अमर उजाला, पाटलिपुत्र टाइम्स, प्रभात खबर आदि में संवाददाता, उपसंपादक, संपादकीय
प्रभारी और फीचर संपादक के रूप में कार्य। 1998-2000 दैनिक 'अमर उजाला' के लिए पटना से संवाददाता के तौर पर
कार्य। इस दौरान अखबार में एक साप्ताहिक कॉलम 'बिहार : तंत्र जारी है' का लगातार लेखन। 2003 हैदराबाद 'स्टार फीचर्स' में संपादक के रूप में काम। 2003 में बेटे की कैंसर की बीमारी के चलते नियमित कार्य में बाधाएं।
इस बीच दिल्ली में साहित्यिक पत्रिका 'नया ज्ञानोदय' में संपादकीय सहयोगी के रूप में काम। 2005
से 2007 के बीच
द्वैमासिक साहित्यिक लघु पत्रिका 'सम्प्रति पथ' का दो
वर्षों तक संपादन। 2007 से 2011 त्रैमासिक
'मनोवेद' में कार्यकारी संपादक के रूप में कार्य। 2013 से 2014 कल्पतरु एक्सप्रेस,
दैनिक, आगरा में स्थानीय संपादक। अप्रैल 2015 से दिल्ली के दैनिक देशबन्धु में स्थानीय संपादक के रूप में कार्य।
कृतियां: 2000 में रश्मिप्रिया प्रकाशन से ‘परिदृश्य के भीतर’ और 2006 में
मेधा बुक्स से ‘ग्यारह सितंबर और अन्य
कविताएं’ शीर्षक दो कविता संग्रह प्रकाशित। 2000 में ‘परिदृश्य के भीतर’ के लिए पटना पुस्तक मेले का ‘विद्यापति सम्मान। 2012 में प्रभात प्रकाशन से 'डा लोहिया और उनका जीवन-दर्शन' नामक
किताब प्रकाशित। 2013 में नई किताब प्रकाशन से 'अंधेरे में कविता के रंग'
नामक काव्यालोचना की पुस्तक प्रकाशित। 2014 'आज की कविता-प्रतिनिधि
स्वर' नामक पांच कवियों के संकलन मेे संकलित। सोनूबीती नाम से कैसर पर एक किताब ।
अन्य: वसुधा, हंस, इंडिया टुडे, सहारा समय, समकालीन तीसरी दुनिया, जनपथ, जनमत, समकालीन सृजन, देशज समकालीन, शुक्रवार, आउटलुक, नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, जनसत्ता, दैनिक जागरण, कादम्बिनी, आजकल, समकालीन भारतीय
साहित्य, प्रथम प्रवक्ता आदि
पत्र-पत्रिकाओं में राजनीतिक - सामाजिक विषयों पर नियमित लेखन। http://hindiacom.blogspot.com/
[ कारवॉं KARVAAN ]
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