डॉ ममता जालान को शब्द.in पर लिखना बहुत रोमांचित करता है ।यह बहुत ही अच्छा प्लेटफॉर्म मुझे मिला है
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गुरुबतों का ये दौर चल रहा है अब तो कवायत लगाना छोड़ दे,है मनु,सुन मेरी धरती मां की पुकार,उसे जरा अपने हृदय से लगा ले। मत रोने दे मेरी मां का कलेजा, जिसमें तूने छेद अगणित है किए।ऑक्सीजन
शुक्रवार शाम 7:20 का समय , किसी यात्री के रात्रि भोजन करने का तो किसी का संध्याकाल का तो किसी का भोजन कर 8:00 बजे गहरी निद्रा ले लेने का ।यह हलचल चल रही थी उड़
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उस देश की बैंकिंग प्रणाली पर निर्भर करती है अर्थात बैंक है जो उस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होती है। किसी भी मनुष्य की रीड की हड्डी मे