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अक्स

11 दिसम्बर 2021

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हद से ज्यादा भरोसा करते हो दूसरो पर
किसी दिन टुट जाएगा भरोसा फ़िर भटकते रहना

अपनो का हाथ पकड़ कर चल रहे हो
अगर छुट गए अनजान दुनिया मे तो फ़िर साथ ढूढते रहेना

आज सब अच्छे हे क्योकी तुम्हारा वक्त अच्छा चल रहा हे
किसी दिन आ गया खराब वक्त तो फ़िर नकाब गिनते रहेना

आज खुद को जानते हो क्योकी खुद के करीब हो
जो हो गए किसी ओर के करीब तो फ़िर खुद का अक्स  खोजते रहेना

आज दर्द से वास्ता नही हे क्योकी इश्क से दूर हो
जो हो गई महोब्बत तो फ़िर मरहम ढूढते रहेना ।।

✍"मनिषा राठोड़ "✍

Shivansh Shukla

Shivansh Shukla

शानदार👌👌👌

11 दिसम्बर 2021

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ये किताब हम सब के देनिक जिवन, समाज,साथ और प्रेम से जुड़ी कविताओ का संग्रह हे

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