अगर आपसे कोई पूछे कि आप फिलहाल किस वक्त में रहते हैं, तो आपका जवाब होगा 21वीं सदी. आप इसे साबित भी कर देंगे, क्योंकि यही सही जवाब भी है. दुनिया चांद पर पहुंच गई है, ये कहना भी न जाने कितनी पुरानी बात लगने लगी है. इंटरनेट के जरिए पूरी दुनिया के लोगों से बात-मुलाकात हो रही है, इलाज की सुविधाएं बेहतर हुई हैं. चमचमाती सड़कें और उन पर दौड़ती तेज रफ्तार गाड़ियों ने पूरे रहन-सहन को ही बदल दिया है. ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों ने समाज को आधुनिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है.
लेकिन इन सब के बावजूद इसी समाज से कुछ ऐसी खबरें आती हैं, जिन्हें सुनकर ग्लानि होती है. आज ऐसी ही दो खबरें हैं.
नॉर्थ दिल्ली के हिन्दूराव इलाके में रहने वाले अशोक ने छह साल पहले मीनू नाम की लड़की से शादी की थी. इन छह सालों में अशोक और मीनू को बच्चा नहीं हुआ. इस दौरान अशोक या उसके घरवालों ने किसी डॉक्टर से सलाह नहीं ली, वो अब भी तांत्रिकों के टोने-टोटके का सहारा लेते रहे. जिस वक्त में देश-दुनिया ने आईवीएफ तकनीक विकसित कर ली है, अशोक और उसका परिवार तांत्रिकों के चक्कर लगाता रहा. तांत्रिक तो बच्चे पैदा नहीं ही करवा सकता, तो मीनू को भी बच्चा नहीं हुआ. नतीजा अशोक और उसके घरवालों ने मीनू को इतना परेशान किया कि उसने पंखे से लटककर जान दे दी. अब अशोक जेल में है और पुलिस उसके घरवालों की तलाश कर रही है.
एक मामला बिहार के बेगूसराय का है. बेगूसराय की एक लड़की ने प्रेम विवाह किया था. समाज से बगावत करके, परिवार से बगावत करके हौसला किया था और शादी की थी. लेकिन उसने जिससे शादी की, वो भी लीचड़ निकला. अपना घर-बार छोड़कर, दुनिया को ठोकर मारकर उसके पास जो लड़की आई थी, उस इंसान ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. लड़की का नाम प्रियंका था, जिसने अपने ही गांव के कुणाल से शादी की थी. अगस्त 2017 में शादी हुई. दिसंबर तक सब ठीक चला, लेकिन उसके बाद कुणाल ने उसे दहेज के लिए परेशान करना शुरू कर दिया. लड़की ने लव मैरिज की थी, तो घर वाले भी रखने को राजी नहीं थे. परेशान प्रियंका ने 3 फरवरी, 2018 को दहेज प्रताड़ना, हत्या की धमकी और यौन शोषण का केस दर्ज करवाया. इसी बीच 19 फरवरी को बेगूसराय के एक खेत में प्रियंका की लाश मिली. हत्या किसने की, नहीं पता. लेकिन शक के दायरे में प्रियंका के पति के अलावा प्रियंका के माता-पिता भी हैं.
ये 21वीं सदी में रहने वाले लोग हैं. आधुनिक समाज के लोग, जो इस समाज के चेहरे पर धब्बा लगा रहे हैं. ये कौन लोग हैं, जो बीमारी के लिए झाड़फूंक का सहारा लेते हैं. प्रेम करने को किसी दूसरी दुनिया की चीज मानते हैं. जाति के आधार पर उससे भेदभाव करते हैं. हिंदू-मुस्लिम के नाम पर दंगे फैलाते हैं, लड़कियों के कपड़ों पर आपत्ति जताते हैं. ये तय करने की कोशिश करते हैं कि आप क्या खाएंगे और क्या नहीं खाएंगे. आप कब घर से बाहर निकलेंगे और किस वक्त में आपको घर में ही रहना चाहिए.
अब किसी बीमार आदमी को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय तांत्रिक के पास कोई ले जाए, तो इसमें कौन सा तर्क है? प्रेम विवाह कर दहेज के लिए प्रताड़ित करे, इस पर क्या कहा जाए.
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