उन्नाव की बांगरमऊ सीट से बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर 8 अप्रैल को एक युवती ने गैंगरेप का आरोप लगाया था. उस युवती ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की भी कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. अभी पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर पाती, उससे पहले ही उस युवती के पिता की जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई. पिता की मौत के बाद युवती और उसके घरवालों ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर पर हत्या का आरोप लगाया है.
सेंगर पर लगाया था गैंगरेप का आरोप
सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कुलदीप सिंह सेंगर 2017 में उन्नाव की बांगरमऊ सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे. 8 अप्रैल की दोपहर में एक महिला पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंची और वहां उसने खुदकुशी की कोशिश की. पुलिसवालों ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो महिला ने बताया कि बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई और उनके साथियों ने उसके साथ गैंगरेप किया है. महिला के मुताबिक विधायक और उनके लोगों ने जून 2017 में उसे बंधक बनाकर कई बार गैंगरेप किया. महिला के मुताबिक वहां से निकलने के बाद जब वो थाने पहुंची, तो पुलिस ने कोई ऐक्शन नहीं लिया. इसके बाद महिला पुलिस के बड़े अधिकारियों से भी मिली, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इतना ही नहीं, उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में भी गुहार लगाई, जहां से जांच का आश्वासन तो मिला, लेकिन जांच नहीं हुई. इसके बाद महिला को जब कुछ उपाय नहीं सूझा तो वो मुख्यमंत्री आवास पहुंच गई. वहां उसने आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन वहां भी उसे पुलिस ने पकड़ लिया.
जेल में हुई पिता की मौत, दर्ज थे 28 मुकदमे
कुलदीप सेंगर पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली युवती उन्नाव के माखी इलाके की रहने वाली है. जब उसने बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों पर केस दर्ज करवाने की कोशिश की थी, तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की थी. बाद में दबाव बढ़ा तो माखी पुलिस ने जून 2017 में ही गांव के ही बृजेश, शुभम और एक और लड़के पर अपहरण और रेप का केस दर्ज कर लिया. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जहां से कुछ ही दिनों के बाद तीनों को जमानत मिल गई. इसके बाद शुभम सिंह की मां शशि सिंह ने पीड़िता के पिता और चाचा के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट और छेड़खानी करने का केस दर्ज करवा दिया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बाद में उन दोनों को भी जमानत मिल गई.
1991 से 2004 तक दर्ज हुए थे कई मुकदमे
पीड़िता के पिता पर 1991 से 2004 के दौरान अलग-अलग थानों में डकैती, हत्या, हत्या की कोशिश और लूट के कुल 28 मुकदमें दर्ज थे. सभी केस में वो बाहर था. वहीं उसके चाचा के खिलाफ 1996 से लेकर 2017 के बीच हत्या, हत्या की कोशिश और लूट के कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं. शशि सिंह ने जब घर में घुसकर मारपीट और छेड़खानी का आरोप लगाया था तो उस केस में भी पीड़िता का पिता जेल से बाहर आ गया था. इसके बाद पिता और चाचा ने पुलिस के सामने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दवाब में हुई थी. इसे लेकर दोनों पक्षों में कई बार मारपीट हो चुकी थी. इस साल 3 अप्रैल 2018 को पुलिस ने पीड़िता के पिता के खिलाफ मारपीट, धमकी और आर्म्स ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया था. 4 अप्रैल को पुलिस ने इस मुकदमे में पीड़िता के पिता को गिरफ्तार कर लिया था.
9 अप्रैल को जेल में हुई मौत
8 अप्रैल को युवती ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. पुलिस उसे पकड़कर थाने ले गई. वहीं उसका पिता उन्नाव जेल में बंद था. उन्नाव जेल प्रशासन के मुताबिक 8 अप्रैल की देर रात उसके पेट में तेज दर्द उठा था. आनन-फानन में जेल प्रशासन ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन उसकी मौत हो गई. वहीं जेल के सूत्र बताते हैं कि पीड़िता के पिता के शव पर चोट के निशान पाए गए हैं.
खुद के बचाव में उतरे बीजेपी विधायक
बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर अपने ऊपर लगे आरोपों के बचाव में उतर आए हैं. उन्होंने कहा है मुझे फंसाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है. अपनी सफाई में विधायक ने कहा है कि महिला ने अपने अपहरण और रेप का केस दर्ज करवाया था. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था. कोर्ट में बयान के दौरान पाया गया कि इस मामले में एक मां-बेटी को गलत तरीके से फंसाया गया है. इसके बाद कोर्ट ने मां-बेटी को छोड़ दिया. लेकिन युवती को लगा कि मैंने उन मां-बेटी की सिफारिश की है. इसके बाद से ही महिला लगातार मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने लगी. मेरे साथ पहले भी ऐसा हो चुका है. 2002 में कुछ लोगों ने मुझे और मेरे कार्यकर्ताओं को फंसाने के लिए एक अपहरण किया था और मेरा नाम लगाया था. बाद में जांच में सब साफ हो गया. इस बार भी ऐसा ही होगा.
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