shabd-logo

मेंहदी हैं रचने वाली

1 अक्टूबर 2021

30 बार देखा गया 30
आज सुबह से ही सिंह फैमिली में काफी हल - चल थी। हो भी क्यों न भाई। आज फैमिली की एक सदस्य को लड़के वाले जो देखने आ रहे थे। तो तयारी तो करनी होगी भाई।

एक लड़की अपने कमरे में शांति से बैठी थी। उसने रेड कलर की लॉग फ्रॉक सूट पहनी थी। और एक हाथ में घड़ी और आंखों में काजल बस इतना ही मेकअप किया था उसने।तभी कमरे में एक बच्ची दौड़कर अंदर आती हैं और कहती हैं....।

बच्ची : मम्मी मासी आज कितनी सुंदर लग रही हैं। 

सपना : हां दिव्या आज आपकी रुचि मासी बहुत सुंदर लग रही हैं। ( सपना रुचि की बड़ी बहन ) 

तभी एक और आवाज आती  हैं। 

काजल : हो भी क्यों न। आज लड़के वाले जो आ रहे हैं देखने। ( काजल रुचि की भाभी ) क्यों दी। 

सपना : हा बिल्कुल। 

रुचि : हो गया आप लोग का , यहां मैं परेशान हो रही हूँ और आप लोग हैं की मेरा मजाक बना रही हैं। 

सपना और काजल साथ में ;  अरे हम कहा कुछ बोले।

तभी व्योम आता हैं और कहता हैं : सपना दी आप यहा हैं। चलिए जीजू नीचे बुला रहे हैं। 

सपना : हा जाती हूँ मैं।

सपना चली जाती हैं। तभी व्योम रुचि से कहता हैं..। 

व्योम : बहुत अच्छी लग रही हैं रु। 

रुचि : थैंक्यू भाई। 

व्योम : काजल तुम यही रु के पास रहना। जब लड़के वाले आएंगे तब तुम नीचे आना। 

काजल : ठीक हैं व्योम जी।

व्योम भी नीचे आ जाता हैं। 

विजय जी ( रुचि के पापा ) : सपना बेटा रुचि तैयार हैं न वो लोग बस आने ही वाले हैं।

सपना : जी पापा। रु तैयार हैं। 

राधा जी ( रुचि की मां ) : बेटा ये तीसरी बार पूछ रहे है। 

सपना : मतलब।? 

राधा जी ; अभी दो बार व्योम से भी पूछ चुके हैं ये। 

सपना : पापा आप परेशान मत होई ए। वो तैयार हैं। 

तभी बाहर से कार की आवाज़ आती हैं। सब देखते हैं तो लड़के वाले आ गए थे। सब उनका स्वागत करते है और फिर अंदर आते हैं।

आईए आपलोग को लड़के वाले से मिला देते है...।

निशांत ( लड़का 😊), दीपक जी ( निशांत के पापा ) , सुमन जी ( निशांत की मां ) , तनु ( निशांत की बहन ) , प्रणव ( निशांत के जीजू )। 

विजय जी ; बैठिए दीपक जी। और सब ठीक हैं न। 

दीपक जी : जी सब मंगल हैं। 

विजय जी : वैसे तो आप सबसे मिले हैं। फिर भी सबकी परिचय करा देते हैं। ये राधा हैं ( हमारी पत्नी ), ये सुमित हैं ( हमारे जमाई), ये सपना ( हमारी बड़ी बेटी ) , ये व्योम , व्योम से तो आप सब मिले ही हैं और ये काजल हैं ( हमारी बहू )।

सब एक दूसरे को नमस्ते करते हैं। फिर सब लोग चाय नास्ता करते हैं। तब दीपक जी कहते हैं..।

दीपक जी ; अरे विजय ये सब तो होता ही रहे हम सब घर के ही हैं। तुम बस बिटिया को बुलाओ। 

विजय : हां। काजल बेटा आप रुचि को लेकर आईए। 

काजल : जी पापा। 

काजल कमरे में आती हैं और रुचि को लेकर नीचे आती हैं। रुचि ने अपने पलके नीचे झुका रखी थी। जब निशांत रुचि को देखता हैं तो एक टक देखता ही रहता हैं। तभी प्रणव कहते हैं...।

प्रणव : साले साहब थोड़ा सब्र कीजिए। आप के लिए ही देखने आए हैं सब लोग। 

प्रणव की बात सुनकर निशांत झेंप जाता हैं। रुचि नीचे आती हैं और सबके साथ बीच में बैठती हैं। फिर सब लोग उससे बात चीत करते है। सबको रुचि बहुत पसंद होती हैं। बस अब लड़का और लड़की को हां कहना था तो दोंनों को कुछ देर के लिए अकेले दूसरी जगह छोड़ कर सब आपस में बात करते हैं। थोड़ी देर बाद वो दोनों भी आते हैं। और दोनों को कोई एतराज नहीं था । दोनों शादी के लिए तैयार थी। फिर पंडित जी को बुलाकर सगाई का मुहूर्त निकाला जाता हैं। जो दो हफ्ते बाद का निकला और शादी एक महीने बाद की। सब खुश थे। एक दूसरे को बधाई देते है। 
फिर सब लोग चले जाते हैं।

दो हफ्ते बाद......

आज रुचि और निशांत की सगाई हैं। जिसका सारा इंतजाम हॉल में कराया गया था। रुचि ने आज बेबी पिंक कलर का लहंगा पहना था। उसने ड्रेस के एकॉडिंग जुलरी पहनी थी। आज उसने थोड़ा मेकअप भी किया था। वो बहुत सुंदर दिख रही थी। राधा जी उसके कान के पीछे काला टीका लगा देती हैं और कहती हैं...।

राधा जी : नजर ना लगे मेरी बच्ची को। और उसकी बलाईया लेती हैं।

सपना : नही लगेगी नजर मां। 

घर के बाकी सदस्य ने भी बहुत अच्छे ड्रेस पहने थे। फिर सब हॉल के लिए निकल जाते है। थोड़ी देर बाद सब हॉल में पहुंच जाते है। और रुचि को कमरे में बैठा दिया जाता हैं।
सब मेहमान भी आ गए थे। 

निशांत का घर....

निशांत ने भी लाईट पिंक कलर का कुर्ता और वाईट पायजामा पहना था। बाल को उसने बस सेट किया जा जो बार - बार उसके आंखों पर आ रहे थे। तभी प्रणव आते हैं और कहते है...। 

प्रणव : क्या बात हैं साले साहब। क्या लग रहे हो। अब तो तुम्हारा सपना भी जल्दी पूरा होने वाला हैं। वो क्या हैं न अब तो ऑफिशियलली तुम्हें लायसेंस जो मिलने वाला हैं। क्यों ? ( और हँसने लगते हैं। ) अब जब मन करे जितना करे उतना देख सकते हो।

निशांत : क्या जीजू आप भी। एक भी मौका नहीं छोड़ ते हो मेरी टांग खिचने का। दी समझाइए थोड़ा इन्हें।

तनु : मैं क्या बोलू। तुम दोंनों की बाते हैं। तुम दोनों जानो।

प्रणव : अरे मैंने यहा तारीफ की हैं भाई।

निशांत ( टेड़ी नजर करके ) : सच में जीजू।

फिर सब थोड़ी देर बाद हॉल के लिए निकर जाते हैं। सब वहां पहुचते हैं। सबका स्वागत होता हैं। और फिर लड़की को बुलाया जाता हैं। रुचि आती हैं और स्टेज पर निशांत के साथ बैठती हैं। वो थोड़ा घबरा रही थी। तभी निशांत कहता हैं.. ।

निशांत : बहुत अच्छी लग रही हैं। 

रुचि : थैंक्यू। 

फिर सब लोग इकट्ठा होते हैं। दोनों की रिंग सैरीमनी होती हैं। सब तालियां बजाते हैं। सब उन्हें आर्शीवाद और गिफ्ट्स देते हैं। सब बहुत इंजाय करते हैं। और फिर सगाई भी खत्म हो जाती हैं। अब बस सबको शादी का इंतजार था। 

एक महीने बाद.....

शादी की डेट भी नजदीक आ गई थी। सब प्रोग्राम हो रहा था। और आज शादी थी। 

रुचि ने लांल लहंगा पहना था। और गोल्डेन जुलरी पहनी थी। नाक में नथ। हाथों में भरी - भरी चुड़ियां। कलिरे। मेकअप भी किया था जिसमें उसका चेहरा और भी सुंदर लग रहा था।

तभी बाहर से आवाज आती हैं की बारात आ गई। सब बाहर आते हैं। निशांत ने रेड गोल्डेन वर्क कुर्ता और गोल्डेन पायजामा पहना था। बाहर द्वार पूजा होती हैं। सब अंदर आते हैं और फिर जयमाला की रस्म होती हैं। फिर सब खाना खाके शादी में बैठते है। शादी की विधि होती हैं। सुबह चार बजे रुचि की बिदाई होती हैं। और वो अपने ससुराल आ जाती हैं। 

सब उसका स्वागत करते हैं। वो अक्षत का कलश गिराकर और फिर आलते में पैर रखती हैं और अंदर आती है। फिर दोनों को पूजा घर में ले जाया जाता हैं। दोनों पूजा करते हैं। फिर रिंग ढुंढने की रस्म होती हैं। जिसमें रुचि दो बार और निशांत एक बार जीतता हैं। सब फिर सबको आराम करने को कहते है। 

शाम को रुचि को कमरे में ले जाया जाता हैं। तनु उसे लेकर जाती हैं। वो आती हैं तो देखती हैं फूलों की सेज सजाई गई थी। और पूरा कमरा सजा हुआ था। तनु उसे कमरे में छोड़ कर बाहर आ जाती हैं। निशांत जब आता हैं तो तनु उसका रास्ता रोक लेती हैं और कहती हैं...। 

तनु : चल पैसे दे। 

निशांत : क्या ? जब आया था तभी दे दिया था। 

तनु ; वो तब दिया था। पर अब अंदर जाना है तो...।

निशांत : ठीक है देता हूँ..। पर बहुत गलत....।

निशांत की बात पूरी होती उससे पहले ही तनु ने वॉलेट ले लिया और सारे पैसे अपने साथ ले गई।

निशांत : सारे ले लिए। 

फिर वो अंदर जाता हैं। रुचि बेड पर बैठी थी। वो उसके पास जाता हैं। और दोनों थोड़ी देर बाते करते हैं फिर दोनों अपने नयी जीवन की शुरुआत करते है और उनका आने वाला कल अच्छा हो , उनकी शादीशुदा जिंदगी अच्छी हो। 

                                 समाप्त 
                            
                                         - Pratiksha Verma😊

Pratiksha Verma की अन्य किताबें

Pratiksha Verma

Pratiksha Verma

धन्यवाद 😊

2 अक्टूबर 2021

Rk shrivastava

Rk shrivastava

बहुत बढ़िया कहानी !!👌👌👌👌

2 अक्टूबर 2021

किताब पढ़िए