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मुखौटा

15 मई 2022

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हिया बहुत ही प्यारी और आज्ञाकारी बहू थी ।पांच साल शादी के हो गये थे दोनों सास बहू ऐसे रहती थी जैसे मां बेटी।हिया के चार साल की बेटी थी चारु ।सारे घर की लाड़ली। नितिन की तो परी थी चारु।सारा दिन दादा दादी ,बुआ, चाचा से घिरी रहती थी।हिया हर काम अपनी सास से पूछ कर करती थी।एक दिन नितिन आफिस से आया तो उसके हाथ मे एक लैटर और मिठाई का डिब्बा था। मां ने पूछा तो नितिन ने बताया कि उसका प्रमोशन हो गया ।सारे घर मे खुशी की लहर दौड़ गयी।पर अगले ही पल ये खुशी आधी रह गयी जब पता चला कि नितिन को अपने नये आफिस मे ज्वाइन करना है जो मुम्बई मे है।हिया के सास ससुर की जान तो अपनी पोती मे अटकी थी।अपने कलेजे के टुकड़े को कैसे अपने से अलग करते।और सास का हिया मे भी बहुत मोह था लेकिन जाने वाले को तो जाना ही है।
हिया पैकिंग कर रही थी कि तभी उसकी सास उसके पास आयी और उससे बोली,"बेटा एक बात कहूं।" हिया सास के पास बैठकर बोली,"जी मम्मी जी । कहिए।"
"बेटा मै ये कह रही थी कि तुम बहुत साफ दिल की हो ।वो बड़ा शहर है । जल्दी से किसी पर विश्वास मत करना ।"
उसकी सास ने उसे समझाते हुए कहा।
हिया सास की हां मे हां मिलाते हुए बोली,*जी मम्मी जी मै खयाल रखूंगी।
बडे भारी मधसे हिया, नितिन और चारू ने घर से विदा ली। मुम्बई वास्तव मे बहुत बड़ा शहर था ।हिया कभी अकेले रही नही थी।सोई जब नितिन आफिस जाने लगे और चारू भी स्कूल चली जाती थी।हिया अकेली रहने लगी।धीरे धीरे घर मे रह कर वह बोर होने लगी। एक दिन ऐसे ही बाप बेटी के घर से जाने के बाद हिया सोसायटी के पार्क मे जाकर बैठ गयी।वही पर उसकी मुलाकात आंचल से हुई । बड़ी शोख हसीना,और प्रभावी व्यक्तित्व की स्वामिनी थी आंचल। धीरे धीरे आंचल और हिया की दोस्ती हो गयी ।एक दिन आंचल ने उसे घर बुलाया।हिया बड़ी खुशी खुशी उसके घर चली गयी उसका भी एक बेटा था पांच साल का । दोनों ने खूब बातें की और नाश्ता किया।हिया को आंचल मे सच्ची दोस्त नजर आने लगी ।अब तो हिया कम और आंचल ज्यादा आने लगी थी उसके घर पर ।पहले तो थोड़ा झिझकती थी अपने बेटे को हिया के घर छोड़ने पर। लेकिन अब तो बड़े रौब से कह कर जाती ,"हिया सैनू का ख्याल रखना,देखो उसने कुछ खाया नही है उसे कुछ खिला देना ओर हां चारू भी बहुत बदमाश हो गयी है उसे थोड़ा दूर रखना इससे।पलीज शाम का हमारा खाना भी बना देना जब मै आऊंगी तो पैक करके ले जाऊंगी।"
हिया का मन साफ था वह सोचती थी आंचल मेरी पक्की सहेली है तभी तो रोब से बोल कर जाती है।वह सारा दिन उसके बेटे की देखभाल करती और उसका रात का खाना भी बना देती।
वह हमेशा आंचल के घर फोन करके जाती थी लेकिन उसने आज सोचा कि उसे सरप्राइज़ दूंगी ओर वह उसके घर बिना बताए चल दी।ब वह उसके घर पहुंची तो आ़चल के घर का मेन डोर खुला था ।वह दो और औरतों के साथ बैठी बातें कर रही थी ।उन बातों मे हिया का जिक्र हो रहा था सोई उसके पैर बाहर ही ठिठक गये कि देखूं मेरी सहेली क्या तारीफ करती है ।आंचल दूसरी ओरत से कह रही थी,"हुं ।हिया मेरी कोई सहेली वहेली नही है । अरे अव्वल दर्जे की बेवकूफ है मेरे बेटे को समभालती भी है ओर मेरा खाना भी बनाती है । तुम्हें पता है यहां मुम्बई मे मेड कितनी महंगी है ।"यह कह कर आ़चल जोर से हंसी।
हिया के तो कांटों खून नही ।वह उल्टे पांव लौट आयी ओर घर आकर बिस्तर पर पड़ कर खूब रोई।जब रोकर उसका मन शांत हो गया तो उसे सास की बात याद आयी कि बेटा तुम बहुत जल्दी किसी की बातों मे आ जाती हो।अब गलती उसनू की थी तो सुधारना भी उसे ही था।वह मन मे दृढ़ निश्चय करके सो गयी।अगले दिन फिर वही बात हुई आंचल को कही जाना था वह नितिन के आफिस जाते ही आ गयी और बस ये बोलने ही वाली थी कि सोनू को सम्भाल लेना इतने मे ही हिया बोल पड़ी,"ऐसा है आ़चल सोनू कै तुम अपने साथ ले जाओ ओय हां खाना वाना तुम्हारा मुझ से नही बने गा।मेरी तबियत ठीक नही है‌"
यह कहकर हिया ने ये भी नही देखा कि आंचल के मुंह पर कैसे भाव आये उसने फटाक से उसके मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया। क्यों कि आज एक दोस्त के मुंह से दोस्ती का मुखौटा उतर गया था।

25 मई 2022

ravi

ravi

बेमानी दोस्ती से अकेले रहना ही अच्छा है।

15 मई 2022

Monika Garg

Monika Garg

16 मई 2022

जी बिल्कुल सही कहा आपने

Diya Jethwani

Diya Jethwani

Sahi h ji.... Aajkal vishwas raha hi nahi h.

15 मई 2022

Monika Garg

Monika Garg

16 मई 2022

जी बिल्कुल सही कहा आपने

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रचनाएँ
जज्बातों का काफिला
5.0
आओ जज्बातों के रोमांचक सफर पर चलें।
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खजाना

12 मई 2022
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मदन की नयी नयी नौकरी लगी थी ।एक छोटे से कस्बे मे।उसने दलाल से कह कर अपने लिए एक कमरा किराए पर लेने की बात की।छोटे कस्बों मे घरों के अंदर ही एक कमरा किराए पर दे दिया जाता है ऐसे ही एक दलाल ने मदन को यह

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अधूरी पेंटिंग

13 मई 2022
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नन्ही सुमन चित्रकला मे बहुत माहिर थी। बहुत सुंदर सुंदर चित्र बनाती थी ।जब मां लोगों के घरों मे काम करने जाती तो पीछे से सुमन अपनी स्लेट बत्ती लेती और चित्र उकेरने लगती थी। क्या सिनरी, क्या पक्षी, क्या

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20 मई 2022
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नारी का जीवन हमेशा से ही दो पाटों मे पिसता रहता है ।खासकर जब शादी करके ससुराल आती है तो जिंदगी बहुत इम्तिहान लेती है एक औरत के।रूचि अपने परिवार मे सब से समझदार लड़की थी उसके माता पिता हमेशा कहते थे कि

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26 मई 2022
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शर्मा जी अपने बेटे मयंक के साथ प्लेटफार्म पर बैठे गाड़ी का इंतजार कर रहे थे । गाड़ी डेढ़ घंटे लेट थी ये बात उन्हें प्लेटफार्म पर आकर पता चली।सात साल का मयंक बड़ा उत्सुक था अपनी दादी के पास जाने के लिए

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बात कहां से शुरू करू कुछ समझ नही आ रहा ।आजकल मेरे साथ क्या हो रहा है।"जुबिन अपने दोस्त पंकज से बतिया रहा था। दोनों का लंच टाइम हुआ था दोनों ही अपने केबिन से निकल कर कैंटीन मे बैठे बात कर रहे थे।पंकज न

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सौ भाईयों की बहन

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28 मई 2022
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