!!ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग.......!!फोन की घंटी बजती है प्रिया कहती है किस का फोन आ गया। उधर से भाभी आप मेरा काम कर दी pleas बोलो न......जल्दी से अरे नही अभी तेरे भैया सोये हैं..... जब जगेगें तो बता दूंगी
अब तक आपने पढ़ाशशांक को एक बार के लिए कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या कर रहे है 🙁 , अचानक से वो लोग आकर उठा लिए थे उसे 😄 । फिर उसे याद आया कि लोग दुल्हे को ऐसे उठा कर ले जाते है .....😄😄 अब
छत्तीसगढ़ की वीरांगना बिलासा केवट जिनके नाम पर बसा है बिलासपुर शहर…छत्तीसगढ़ में बिलासा एक देवी के रुप में देखी जाती हैं । कहते हैं कि उनके ही नाम पर बिलासपुर शहर का नामकरण हुआ। बिलासा केवट की एक आदमक़
सिकंदर को हराने वाली कठगणराज्य की राजकुमारी कार्विका के बारे में जानिये सच।राजकुमारी कार्विका सिंधु नदी के उत्तर में कठगणराज्य की राज्य की राजकुमारी थी । राजकुमारी कार्विका बहुत ही कुशल योद्धा थी। रणन
अब तक आपने पढ़ा— ओ ... हेलो ... दुल्हा ये है तुम लोग नहीं ... भैया इसे ( शशांक के तरफ इशारा करके बोला ) रेडी होने को बोल कर गए है । तुम लोग क्यों इतना उड़ रहे हो । अब आग
*कंगना* हाल ही में अर्जुन से शादी करके आई कंगना अपने ससुराल में अपनी सासूंमां सुशीला जी के साथ बडी खुश थी, कारण दोनों ही एक - दूसरे को सम्मान और प्यार करती थी, कंगना और सुशीला जी के बीच इतना अच्छा ता
माँशाम के साढे़ छह..... पौने सात बजे का समय रहा होगा। एक अनीश नाम का लड़का, दुकान पर आता है, गांव का रहने वाला था, वह चतुर व चालाक था।उसका बातें करने का तरीका गांव वालों की तरह का था, परन्तु बहुत ठहरा
मध्यप्रदेश के रायसेन किले से जुड़े संघर्ष में 701 राजपूतानियों के जौहर को आज 490 साल पूरे हो गए हैं। मुगलों के आक्रमण के दौर में जौहर की इस कहानी के बारे में कम लोग ही जानते हैं।छह मई 1532 को रानी दुर
माँ : जिसके बिना हमारा अस्तित्व नहींमाँ एक मिश्री घुला शब्द है जिसकी व्याख्या नहीं हो सकती । वह एक ऐसी शख्सियत है जो हर कीमत पर संतान का साथ देती है। स्नेह और देखभाल का इससे बड़ा दूसरा उदाहरण देखने मे
अब तक आपने पढ़ाआदि अपने दोस्तो से हट कर एक कोने में खड़ा हो गया और अनिका को देखने लगा । अब आगेअनिका को भी आज थोड़ा अजीब लग रहा था , वो समझ नहीं पा रही थी , कि आदि के देखने से आज उसे ऐसे क्यों हो
एक लड़की अनजानी सीपरसो रात्रि करीबन साढ़े ग्यारह बजे मे आॅफिस से घर को बाइक से निकला ही था की कुछ ही दूरी पर एक लडकी नजर आई सलवार सूट पहने मदद का हाथ लिए इशारे से... मैने बाइक रोकी तो पास से टैक्
आस्था का महान पर्व छठ .... जब विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता की स्त्रियां अपने सम्पूर्ण वैभव के साथ सज-धज कर अपने आँचल में फल ले कर निकलती हैं तो लगता है जैसे संस्कृति स्वयं समय को चु
रोता है आसमान क्यों सारा , रोती है क्यों हवाएँ ? थम गई है इस शहर की सांसे कोई नज़र न आये , तेरी एक तिरछी नज़र ने हमें कहाँ पर पहुंचा दिया, अपनी हद में रहने को हमें एक रास्ता बता दिया , “सादगी ” से र
करवा चौथ चार दिन की बारिश के बाद आज धूप खिली है।अक्टूबर के महीना, हल्की हल्की ठंड के बीच हल्की हल्की धूप कलेजे को ठंडक पहुचा रही थी।भाभी,चलो न मार्किट तक, वो टेलर के पास कपड़े पड़े हैं,लेकर आ
चांद भी क्या खूब है, न सर पर घूंघट है, न चेहरे पे बुरका, कभ
स्त्री का प्यार सबके नसीब में नही होता वो जीवन में सिर्फ़ एक ही मर्द से दिल से प्यार कर पाती हैं , वो मर्द उसका प्रेमी हो या फिर पति वो टूट क़र जीवन में एक बार ही किसी मर्द को चाहती हैं।
चंदा तेरे कितने रूपचंद्रमा पूजनीय है क्योंकि हमारे शास्त्रों में चंदा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र कहा गया है। चंद्रमा को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त है , इसलिए सुहागिन स्त्रियां कार्तिक मास की कृष्ण प
पहनावाएक महिला को सब्जी मंडी जाना था। उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे सब्जी मंडी की और चल पड़ी। तभी पीछे से एक रिक्शा वाले ने आवाज़ दी: "कहाँ जायेंगी माता जी...?'' महिला ने ''नहीं भैय्या'' कहा त
यूँ ना मुझसे नजरे चुराया करो ,☺️मैं तो तुम्हारा हूँ !मुझसे शर्मानाया ना करो ।🤭यूँ तो दुनियाँ में बहुतो को देखा ,मगर तुझ सा हँसीन कहीं देखा नहीं ।🌹तू हँसे तो दिल में कलियाँ खिले जाये ,तू देखे तो दिल
कभी गुस्सा तो कभी प्यार दिखलाती है,कभी डांट तो कभी दुलार बस यही तो है,मां का प्यार सीने मै दर्द कितने हो,कभी बता नहीं पाती सहन कर लेती,हर मुश्किल पर परिवार पर आंच नहीं आने देती,पेट ख़ाली भी हो तो चहरे