shabd-logo

सर्वगुण संपन्न

28 मई 2022

42 बार देखा गया 42
सीमा की सास आज सुबह से ही बड़बड़ कर रही थी,"हाय पता नही कैसी मनहूस हमारे पल्ले पड़ गयी है । कोई काम सही ढंग से नही करना आता ।बता मठरिया बनाने मे भी कोई मंतर पढ़ने थे क्या । मां ने कुछ सीखाया हो तो कुछ आये।भाग फूट गये हमारे जो ऐसी बहू पल्ले पड़ी है।"
सीमा की सास का आज पारा हाई था क्योंकि आज सीमा से नमक पारे बनाते समय थोड़े जल गये थे।वो भी क्या करती सारे घर का काम उसी के ऊपर था।उसका एक साल का बेटा भी था जिसे सम्हालना भी पड़ता था।और सास टीचर थी सुबह ही स्कूल जाते समय सीमा की सास ये कह गयी थी ,"सुन मिननी आये गी उसके लिए नमकपारे और कचोरी बना दियो।मै स्कूल जा रही हूं।दोपहर मे आते समय सामान ले आऊंगी।इतने सारा काम करके रहियो।"
सीमा की सास जैसे नौकर को सुना कर जाते है ऐसे हुक्म सुना कर चली गयी।सीमा बेचारी के लिए इतना काम बढ़ गया था कि पूछो मत।ननद का परिवार,और सीमा ,उसके पति , बच्चा,और एक दो रिश्तेदार और आये हुए थे ।वो बेचारी भाग भाग कर सारे घर का काम करती रही ।बेटे को दूध पिला कर सुला दिया था अब दोपहर के खाने की तैयारी कर रही थी तभी मिननी उसकी ननद उसका हाथ बंटाने रसोईघर मे आ गयी ।सीमा को लगा चलों अगर ननद ये सम्भाल लेगी तो वो नमकपारे और कचोरी अराम से बना लेगी। लेकिन उसका मन जब खराब हो गया जब उसने सास को ननद को इशारा करते देख लिया कि तू छोड़ के आ जा बाहर ये अपनेआप बना लेगी।सीमा की आंखों मे पानी आ गया कि देखो कैसा ससुराल मिला है इन्हें बहू थोड़े ही चाहिए थी इन्हें तो नौकरानी चाहिए थी। लेकिन फिर भी उसपर सर्वगुणसंपन्न का ठप्पा नही लगा था ।सभी उसे सर्वगुण संपन्न कहते थे लेकिन सास के मुंह से हमेशा ही उसके लिए अपमान जनक शब्द ही निकले।
सीमा ने कचोरी तो बना ली लेकिन जब आधे नमकपारे बना चुकी तो उसका बेटा उठ गया ।अब एक हाथ से बेटे को पकड़े हुए और दूसरे हाथ से कलछी चलाते हुए सीमा का ध्यान कढ़ाई से हट गया और तेल उछलकर उसके हाथ पर गिर गया।सीमा कढ़ाई मे नमकपारे छोड़ कर बाथरूम मे भागी ताकि पानी मे हाथ दे सके।पीछे से नमकपारे जल गये।उसकी सास को जब बदबू आई जलने की तो वो रसोई की तरफ भागी।जब देखा नमकपारे जल गये है तो फिर क्या था ऐसा क्लेश रचा जो अभी तक जारी था।दिनेश सीमा का पति जब काम से लौटा तो सास दरवाजे पर ही बैठी थी उसके आते ही बोली,"भाई रे।तेरी बीवी को बिल्कुल भी अक्ल नही है मिननी के लिए नमकपारे बनवाएं थे सारे जला दिए।"
दिनेश ने अंदर जाकर देखा तो दंग रह गया।पूरी बड़ी परात कचौरियों से भरी थी और छोटी नमकपारे से थोड़े से जले हुए एक कटोरे मे रखे थे जिसे सास ने सारे गली पड़ोस को दिखा दिया था कि देखो हमारी बहू को तुम लोग अच्छी , सर्वगुण संपन्न मानते हो।देखो उसके ये गुण।कैसे ननद को देने के नाम पर नमक पारे जला दिये। 
  दिनेश ने सीमा को ही चुप रहने को कहा।ननद सब खाने पीने का सामना लेकर ससुराल चली गयी । वहां जब उसकी सास ने कचोरी खाई तो दंग रह गयी ।बार बार यही कह रही थी,"मिननी बेटा । तुम्हारी भाभी के हाथ मे तो अन्नपूर्णा का वास है कितना स्वाद भरा है उसके हाथों मे । तुम्हें भी तो आती होगा ये सब ऐसा करना जब सरला आये तो उसके लिए ऐसे ही कचोरी बना देना उसके लिए।
  अब बारी मिननी की थी वह मां को मन ही मन कोसने लगी ,"काहे मां भाभी को कहती कचोरियों के लिए।और काहे मेरी सास मुझे कहती।" उधर मिननी की सास बार बार कह रही थी कचोरी बनाने के लिए।उसने मां को फोन लगाया,"मां तुम ने तो गृहस्थी मे देखा ही होगा।काम कैसे करते है ।मेरे से इतना काम नही होगा मेरी सास बार बार कमला दीदी के लिए कचोरी बनाने को बोल रही है।"
  अगले दिन सीमा की सास और पति लड़ने जा रहे थे मिननी की ससुराल कि तुम ने हमारी बेटी को इतना काम क्यों बताया।अब सीमा मन ही मन सोच रही थी "मै सर्वगुण संपन्न हूं या मिननी पर उसको कोई जवाब नहीं मिल रहा था।
  
Papiya

Papiya

👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼

28 मई 2022

12
रचनाएँ
जज्बातों का काफिला
5.0
आओ जज्बातों के रोमांचक सफर पर चलें।
1

खजाना

12 मई 2022
54
10
9

मदन की नयी नयी नौकरी लगी थी ।एक छोटे से कस्बे मे।उसने दलाल से कह कर अपने लिए एक कमरा किराए पर लेने की बात की।छोटे कस्बों मे घरों के अंदर ही एक कमरा किराए पर दे दिया जाता है ऐसे ही एक दलाल ने मदन को यह

2

अधूरी पेंटिंग

13 मई 2022
14
6
2

नन्ही सुमन चित्रकला मे बहुत माहिर थी। बहुत सुंदर सुंदर चित्र बनाती थी ।जब मां लोगों के घरों मे काम करने जाती तो पीछे से सुमन अपनी स्लेट बत्ती लेती और चित्र उकेरने लगती थी। क्या सिनरी, क्या पक्षी, क्या

3

मुखौटा

15 मई 2022
10
6
5

हिया बहुत ही प्यारी और आज्ञाकारी बहू थी ।पांच साल शादी के हो गये थे दोनों सास बहू ऐसे रहती थी जैसे मां बेटी।हिया के चार साल की बेटी थी चारु ।सारे घर की लाड़ली। नितिन की तो परी थी चारु।सारा दिन दादा दा

4

संस्कारी

16 मई 2022
8
5
2

काफी देर से प्रकाश खिड़की मे बैठा उस सात आठ साल केे बच्चे को देख रहा था।वह रंग बिरंगी गोलियों के साथ खेल रहा था।कभी अपने से ही बोलता ,"कली या जूट"। फिर हंसता और कहता"पगले ये तो कली है।"प्रकाश काफी देर

5

अपने अपने हिस्से का झरोखा

18 मई 2022
8
5
3

वंदना आज बहुत थक गयी थी ।घर मे पार्टी जो थी ।वैसे उसे तो कुछ नही करना था पर एक हाई प्रोफाइल पार्टी मे सुंदर सुंदर ड्रेस पहन के हाय हैलो करने मे ही व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है । वंदना के पति शहर के

6

बिखरे मोती

19 मई 2022
8
6
2

मीकू ओ मीकू ।जरा मेरी बेंत तो लाना।देख तेरी बूढ़ी दादी को दिखाई"मीकू नही दे रहा मेरा चश्मा भी ला ढूंढ कर।" सरला ने अपने पांच साल के पोते को आवाज दी।तभी मीकू दौड़ कर दादी का चश्मा ले आया।और चश्मा लाकर

7

मुंह दिखाई

20 मई 2022
11
6
2

मानव जाति मे एक गुण होता है वो दूसरों के दुःख को देख कर दुखी नही होते जितना दूसरों के सुख को देखकर होते है।ललिता ताई का यही हाल था । ललिता ताई एक ऐसी महिला थी मुहल्ले मे जिसके घर मे लड़ाई झगड़ा होता थ

8

दो पाटन के बीच

22 मई 2022
11
7
2

नारी का जीवन हमेशा से ही दो पाटों मे पिसता रहता है ।खासकर जब शादी करके ससुराल आती है तो जिंदगी बहुत इम्तिहान लेती है एक औरत के।रूचि अपने परिवार मे सब से समझदार लड़की थी उसके माता पिता हमेशा कहते थे कि

9

इस हाथ दे ,उस हाथ ले

26 मई 2022
10
7
0

शर्मा जी अपने बेटे मयंक के साथ प्लेटफार्म पर बैठे गाड़ी का इंतजार कर रहे थे । गाड़ी डेढ़ घंटे लेट थी ये बात उन्हें प्लेटफार्म पर आकर पता चली।सात साल का मयंक बड़ा उत्सुक था अपनी दादी के पास जाने के लिए

10

वो लड़की

27 मई 2022
11
6
0

बात कहां से शुरू करू कुछ समझ नही आ रहा ।आजकल मेरे साथ क्या हो रहा है।"जुबिन अपने दोस्त पंकज से बतिया रहा था। दोनों का लंच टाइम हुआ था दोनों ही अपने केबिन से निकल कर कैंटीन मे बैठे बात कर रहे थे।पंकज न

11

सौ भाईयों की बहन

28 मई 2022
5
4
1

आज संगीत बहुत खुश थी।आज उसका इकलौता भाई सेना की ट्रेनिंग पूरी करके लेफ्टिनेंट के पद पर आसीन होकर घर जो आ रहा था।तीन साल से बैंगलूरू मे रहकर ट्रेनिंग ले रहा था। इसलिए संगीत अपने भाई सुनील को राखी भी ना

12

सर्वगुण संपन्न

28 मई 2022
6
3
1

सीमा की सास आज सुबह से ही बड़बड़ कर रही थी,"हाय पता नही कैसी मनहूस हमारे पल्ले पड़ गयी है । कोई काम सही ढंग से नही करना आता ।बता मठरिया बनाने मे भी कोई मंतर पढ़ने थे क्या । मां ने कुछ सीखाया हो तो कुछ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए