नहीं हो सकते मुक्तजब तक हो खामोशजीतने की प्रखरता होऔर हो हार स्वीकार.... नहीं हो सकते मुक्तसत्य असत्य का फर्क मालूम हैपर हों जुबां पर तालेनहीं हो सकते मुक्तभय की आगोश में भीकिसी उम्मीद की मुस्कान होनहीं हो सकते मुक्त.......मुक्त होना चाहते होऐसे में - यदि जीत नहीं सकतेतो खेलो ही मतधरती पर हिकारत से