shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

मुंगेरी अल्फाज़ भाग-३

प्राची सिंह मुंगेरी


मैंने,मुंगेरी अल्फाज़ भाग- ३ पर,आज़ से काम करने का मन बनाया है।ईश्वर की कृपा रही तो जल्दी ही इसे पूरा करूंगी। बाकी पाठकों पर भी निर्भर करता है कि वो कितना प्रेम,मेरी इस नई काव्य संग्रह को देना चाहेंगे। धन्यवाद आप सभी का,उम्मीद है कि आप सभी का प्रगाढ़ प्रेम मुझे मिलता रहेगा! पढ़ते रहें, मुस्कुराते रहें,ईश्वर का धन्यवाद देते रहें। 

mungerii alphaaj' bhaag 3

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

पंक्तियां

28 अगस्त 2024
0
1
0

"जिस्म से रूह तक उतरने में वक्त बहुत लगता है,संभालो उन नज़रों को जो मुझे बेहिसाब तकता है,कुछ गुनाह है तो बोलो यूं नज़रों में,कोई किसी कैद ऐसे करता है,सताए बहुत गए तुम्हारी नज़रों से,यूं ऐसे कोई,किसी क

2

याद तुम्हारी आंखों में उतर आई है

29 अगस्त 2024
0
1
0

आज़ याद तुम्हारी,मेरी आंखों में उतर आई है,पूछ रही हूं पता ऑफ़िस की आगे वाली पहाड़ी से,सब कहते हैं जबसे, तुमने मुझसे बातें करना छोड़ दी है,तुम उधर ही अपना खाने का डब्बा खोलते हो,दो रोटी ख़ुद खाते,मेरे

3

सम्पूर्ण गीत हो तुम

30 अगस्त 2024
0
1
0

अधूरे प्रेम में,मन में अटके गीतों सा तुम,श्वांस, श्वांस के बन प्रहरीलय से आलयबन स्वंय वेदनाहृदय तार में अटक जाते होफिर उभरती इक कविता की रेखाशब्द,शब्द प्रेम अारोह में सज जाता है !अधूरे प्रेम में, मन म

4

गुमनाम ज़िंदगी

2 सितम्बर 2024
1
2
1

गुमनाम ज़िंदगी इक इत्तेफ़ाक है तुम्हारी आंखें,जिसमें मेरी ज़िंदगी की, पूरी गज़ल धरी है,जब,जब देखते हो एकटक मुझे,नज़्मों की साज - सज्जा संभालती, जुगली करती तुम्हारी आंखें,विरह वेदना के तान छेड़ती

5

कृतज्ञ हूं हे प्रकृति

9 सितम्बर 2024
1
2
0

कृतज्ञ हूं हे प्रकृति कृतज्ञ हूं हे प्रकृति जब तुम सुबह बनके आती होप्राची की दिव्यता लिएनवपथ से गमन करते धरा का श्रृंगार करती हो!कृतज्ञ हूं हे प्रकृति गोधूलि बेला में,कैसे सम्पूर्ण आकाश

6

हिंदी दिवस

14 सितम्बर 2024
0
1
0

"शब्द, सामर्थ्य और उसका अर्थ लिखा,अपने हाथों से अपने होने अर्थ लिखा,बहुत सहेजा है शब्दों में, हे मां हिंदी आपको अपना प्राण लिखा,आपको अपना परम सौभाग्य लिखा,युग ,युग से भारत के प्राणों को शीतल

7

हर हर महादेव

14 सितम्बर 2024
0
1
0

अपने आराध्य महादेव के चरणों में समर्पित चंद पंक्तियां - हर हर महादेव 🚩🚩🙏प्रेम में परम समर्पित पार्वतीपतये गौरीशंकर महादेव हैअखंड प्रेम ज्योति जलाएमां नित्यस्वरूपा,विश्वकल्याणी करुणामयी गिरिजाद

---

किताब पढ़िए