मैंने,मुंगेरी अल्फाज़ भाग- ३ पर,आज़ से काम करने का मन बनाया है।ईश्वर की कृपा रही तो जल्दी ही इसे पूरा करूंगी। बाकी पाठकों पर भी निर्भर करता है कि वो कितना प्रेम,मेरी इस नई काव्य संग्रह को देना चाहेंगे। धन्यवाद आप सभी का,उम्मीद है कि आप सभी का प्रगाढ़ प्रेम मुझे मिलता रहेगा! पढ़ते रहें, मुस्कुराते रहें,ईश्वर का धन्यवाद देते रहें।