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इस शहर उस शहर कितने शहर बदल लेते है लोगख्वाइशों की कशमकश में घर बदल लेते है लोगज़िंदगी की धूप - छांव में नफा नुकसान तौलते हुएना बदलने का इरादा हो पर बदल लेते है लोगनए दौर की मोहब्बत में पर्स का रखिए ख़य