"मुझे जाना है- न जाने कहाँ?"
मैं जहां हूँ , मुझे उससे भी आगे जाना है,,मैं जानता हूँ, ये जमाना जहाँ है,,मैं उससे कहीं पीछे हूँ,न किसी को पीछे करना है,न है किसी से आगे निकलना,बस मुझे ख़ुद को जीतना है,,ये न डर है, न वक्त की नजाक़त,,न घमण्ड है, न कुछ कर दिखाने की चाहत,,अंदर बसे इक दिल की आवाज़ है,कि बस! जाना है ।।न जाने कहाँ जाना