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Neeraj Katheria की डायरी

Neeraj Katheria

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neeraj katheria ki diary

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पुस्तक के भाग

1

नई बीमारी - "वो"

7 अप्रैल 2018
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एक अजीब सी खुमारी छायी है,क्या ये कोई नई बीमारी आयी है?पहले तो शायद रिसेसिव थी,पर अब डाॅमिनेन्ट रुप में आयी है,,इस हवा को तो देखो जैसे,उससे मिलकर आयी है,,जाँच की लैब रिपोर्ट में,कुछ तेरी भी गलती आयी है,,इस पूरे जहाँ में, न जाने क्यों ?सिर्फ वही मुझे भायी है,,क्या ये कोई नई बीमारी आयी है....

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"मुझे जाना है- न जाने कहाँ?"

10 अप्रैल 2018
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मैं जहां हूँ , मुझे उससे भी आगे जाना है,,मैं जानता हूँ, ये जमाना जहाँ है,,मैं उससे कहीं पीछे हूँ,न किसी को पीछे करना है,न है किसी से आगे निकलना,बस मुझे ख़ुद को जीतना है,,ये न डर है, न वक्त की नजाक़त,,न घमण्ड है, न कुछ कर दिखाने की चाहत,,अंदर बसे इक दिल की आवाज़ है,कि बस! जाना है ।।न जाने कहाँ जाना

3

इश्क़ का पता....?

10 अप्रैल 2018
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मैनें तो इश्क़ को कभी नहीं देखा,गर मिले तो उसका पता पूँछ लेना,,सुना है !तुम्हारी गली से हर रोज़ गुज़रता है.....

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