Naya Sansad Bhavan India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 28 मई, 2023 को देश का नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया। नए संसद भवन का निर्माण क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है। इसे बनाने में 60 हजार श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। प्रबंधन से लेकर परियोजना से जुड़े मजदूरों तक 23 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि एक व्यक्ति अगर संसद भवन बनाने लगता तो उसे 23 लाख दिन काम करना पड़ता यानी कि 6312 साल लग जाते है। लेकिन इसका निर्माण कार्य जो कि दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और करीब ढाई साल के समय में पूरा हो गया है। यह भी एक उपलब्धि है। 910 कारपेंटरों को स्किल इंडिया ने प्रमाणित किया
भारत की प्रगति और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले नए संसद भवन के लिए एक विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने में अहम योगदान देने वाले कारपेंटरों (कारीगरों) को स्किल इंडिया ने प्रमाणित किया है। इन्होंने नए संसद भवन का फर्नीचर ऐसे तैयार किया है कि लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा भवन में 1,272 सदस्यों के बैठने का इंतजाम है।
इनकी कार्य विधा को देखते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में काम कर रहे फर्नीचर और फिटिंग स्किल काउंसिल (एफएफएससी) की ओर से एनडीएमसी अधिकार क्षेत्र और नरसी ग्रुप के सहयोग से आरपीएल मान्यता के तहत 910 कारपेंटरों को प्रशिक्षित और प्रमाणित करते हुए स्किल्ड वर्कर का डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिया गया है। इसका उद्देश्य कारपेंटर के कौशल प्रशिक्षण को बढ़ाना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।
भव्य संविधान हॉल, तीन दीर्घाएं
नए संसद भवन में एक भव्य संविधान हॉल बनाया गया है, जिसमें भारत की प्राचीन संस्कृति, लोकतांत्रिक परंपराओं को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही नए संसद भवन में सांसदों के लिए लाउंज, विभिन्न समितियों के लिए कक्ष, डाइनिंग एरिया और पर्याप्त पार्किंग की जगह की व्यवस्था की गई है। संगीत दीर्घा में स्वामी हरिदास, त्यागराजा के चित्र व वाद्य यंत्र, नवरस के भाव, शास्त्रीय नृत्य की; वहीं, स्थापत्य दीर्घा में वृहदेश्वर मंदिर-तंजौर लेकर ओरोविल-पुड्डुचेरी तक की झलक दिखाई गई है। जबकि शिल्प दीर्घा में पत्थर, धातु, लकड़ी से लेकर कपड़ों की शिल्पकारी की झलक देखने को मिल रही है
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
नए संसद भवन में थर्मल इमेजिंग सिस्टम और फेस रिकग्निशन सिस्टम वाले कैमरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से संदिग्ध गतिविधियों को रोकने में मदद मिलती है। अपडेट सीसीटीवी सिस्टम, 360 डिग्री पर काम करता है। खास बात है कि अगर कोई व्यक्ति कैमरे के घूमने की विपरित दिशा से संसद भवन परिसर में घुसने का प्रयास करता है तो भी वह पकड़ा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि कोई भी हैकर, यहां के उपकरणों में सेंध नहीं लगा सकता। नए संसद भवन को फूलप्रूफ साइबर सिस्टम से लैस किया गया है। जिन विशेषज्ञों ने इस सिस्टम को तैयार किया है, उन्होंने इसे 'स्टेट ऑफ आर्ट' साइबर सिक्योरिटी का नाम दिया है।