जीने की राह
रामपुर गांव की एक गली में एक बुढ़िया रहती थी . बुढ़िया की उम्र लगभग 80 वर्ष से कम नही थी. कहने को तो बुढ़िया के 2 बटे थे, लेकिन दोनों ही बुढ़िया को गाँव में मरने के लिये अकेली छोड़ दूर शहर में जा बसे. बुढ़िया घूम घूम कर अपने लिये भोजन इक्क्ट्ठा करती और अपना पेट भर कर सो जाती. उसका जीवन निरर्थक था. सिवाय