नीलोत्पल मृणाल
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल 21वीं सदी की नई पीढ़ी के सर्वाधिक लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं, जिनमें कलम के साथ-साथ राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों पर ज़मीनी रूप से लड़ने का तेवर भी हैं। इसीलिए इनके लेखन में भी सामाजिक विषमताएँ, विडंबनाएँ और आपसी संघर्ष बहुत स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होते हैं। इनका जन्म झारखंड के दुमका जिला में हुआ था , इन्होंने नोनिहाट से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की और 2005 में सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे 2008 में नई दिल्ली चले गए, जहाँ उन्होंने सिविल सेवा में प्रवेश की तैयारी शुरू की और कई बार सिविल सेवा परीक्षा (CSE) दी। लेखन के अलावा लोकगायन और कविताई में बराबर गति रखने वाले नीलोत्पल ने अपने पहले उपन्यास ‘डार्क हॉर्स’ के बरक्स ‘औघड़’ में ग्रामीण भारत के राजनैतिक-सामाजिक जटिलता की गाँठ पर अपनी कलम रखी है। इन्हें 2016 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
औघड़
‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में
औघड़
‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में
डार्क हॉर्स
संघर्ष, समय और आत्मनिरीक्षण से प्रबुद्ध, नीलोत्पल अपने अनुभवों के सार को आकर्षित करते हैं और एक दिलचस्प कहानी बुनते हैं। जो वास्तव में अनगिनत सपनों की अनकही सच्ची कहानी है। जब आप इस उपन्यास को पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि मुखर्जी नगर में एक तीन मंजिला इम
डार्क हॉर्स
संघर्ष, समय और आत्मनिरीक्षण से प्रबुद्ध, नीलोत्पल अपने अनुभवों के सार को आकर्षित करते हैं और एक दिलचस्प कहानी बुनते हैं। जो वास्तव में अनगिनत सपनों की अनकही सच्ची कहानी है। जब आप इस उपन्यास को पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि मुखर्जी नगर में एक तीन मंजिला इम
यार जादूगर
‘यार जादूगर’ हिंदी साहित्य की मुख्य धारा के उपन्यासों में विषय-वस्तु के लिहाज से एकदम नया और चौंकाने वाली कहानी है। कल्पना की जमीन पर बोया गया ऐसा यथार्थ जो मानवीय संबंधों और उसके मनोविज्ञान पर दार्शनिकता की गाँठ खोलता रेशा-रेशा उघाड़ते हुए एक प्राकृ
यार जादूगर
‘यार जादूगर’ हिंदी साहित्य की मुख्य धारा के उपन्यासों में विषय-वस्तु के लिहाज से एकदम नया और चौंकाने वाली कहानी है। कल्पना की जमीन पर बोया गया ऐसा यथार्थ जो मानवीय संबंधों और उसके मनोविज्ञान पर दार्शनिकता की गाँठ खोलता रेशा-रेशा उघाड़ते हुए एक प्राकृ