पेशे से अभियंता शौकिया तौर पर लिखते हैं ।
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मैं छठी कक्षा में था साल था १९९८ । मैं हिंदी माध्यम का छात्र था ।हमारे आस पास के सभी बच्चे कॉन्वेंट और अच्छे स्कूल में पढ़ते थे और जब भी वे मिलते आपस में अच्छी अंग्रेज़ी में ही बात किया करते ।
आज अनुज सुबह सुबह अपने आवारा दोस्तों के साथ आवारागर्दी करने निकल गया और घर में किसी को कुछ बताया भी नहीं । सुबह क्या और शाम क्या, ठेके पर सिनेमा हॉल में और बस दूसरा कोई काम धंधा नहीं । बस सारा