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प्राकृतिक आपदा

29 सितम्बर 2022

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प्रकृति की मर्यादा के विरुद्ध
जो करोगे छेड़छाड़
कहर बरसाएगी प्रकृति भी
कैसे सहे खिलवाड़
अपने सुख सुविधा के लिए
जो प्रकृति को सताओगे
प्राकृतिक आपदाएं ही
फिर पाओगे
प्रकृति के नियम का उल्लंघन कर
नियमों से खेलोगे
प्राकृतिक आपदाएं ही फिर झेलोगें
प्रकृति के नियम लक्ष्मण रेखा समान
पार जो किया 
मिले विपदाएं न मिले फिर
आपदाओं का कोई निदान
अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति की
छिनी खुशहाली
किया प्राकृतिक धरोहर से जग को कंगाल
कहर तो बरसाएगी प्रकृति
धरकर रूप विकराल
बारिश बनी बाढ़
जीवन कितने बहा ले गई
सुख चैन छीन मिली तबाही
हरे भरे पेड़ों पर बुरी नज़र डाली
काटें भौतिक सुख के लिए
हरी भर धरती को बंजर कर
छिनी खुशहाली
सुनामी बन जल उमड़ कर आया
रोष प्रकृति का कोई न सह पाया
अपनी करनी का फल अब पाते हो
इस प्रोकोप से घबराकर दुख मानते हो
होकर सजग इस समस्या को क्यों नही सुलझाते
प्रकृति के नियम पर चलना क्यों सबको नही समझाते
इस धरा को हरियाली की फिर दे सौगात
देखो फिर कैसे होती खुशियों की बरसात
पेड़ लगाकर धरती को फिर से सजाओ
प्राकृतिक आपदाओं से निजात तुम पाओ
प्राकृतिक संपदाएं तुम्हे अप आयेगी
खुशियां प्रकृति फिर बरसाएगी
प्रकृति की मर्यादा में को हो जीवन संचालन
सुखमय जीवन के लिए करो
प्रकृति के नियम का पालन

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