Har Hal Me Khush Hai
अल्हड़ जी अपने भावों को बहुत ही सहजता ही सहजताके साथ, सरल भाषा में, छंदों में इस प्रकार ढाल देते हैं कि वह आपके मन के सरोवर में पहुंचकर कब उसे सुवासित करने लगे इसका पता स्वयं आपको भी नहीं लगा पाता। कविता उनके लिए मंच पर की जाने वाली प्रार्थना है। उ
Har Hal Me Khush Hai
अल्हड़ जी अपने भावों को बहुत ही सहजता ही सहजताके साथ, सरल भाषा में, छंदों में इस प्रकार ढाल देते हैं कि वह आपके मन के सरोवर में पहुंचकर कब उसे सुवासित करने लगे इसका पता स्वयं आपको भी नहीं लगा पाता। कविता उनके लिए मंच पर की जाने वाली प्रार्थना है। उ
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