इस पुस्तक के अंतर्गत आने वाली रचनाएँ आपको अपने परिवेश में घटित हो रही मानवीय घटनाओ का सूक्ष्म अवलोकन करवाएंगी.💐💐
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"मित्रों ,बीभत्स होते प्रेम के स्वरूप को प्रतीकों के माध्यम से हमने समझाने का प्रयाश किया है... इसमे वसन्त पुष्प लिये लतायें युवा अवस्था का प्रतीक है और बूढ़ा बरगद हमारे बड़े बुजुर्ग का प्रतीक है...💐💐
... ये कहानी आज के परिवेष में हमारे कार्य संस्कृति पर प्रश्नचिन्ह खड़ी करने वाली है की हम सब कुछ याद रखते हैं और स्वं को भूल बैठे हैं.... ...निवेदन है की आप लोग थोड़ा समय खर्च कर इसे पढ़ें और आत्ममंथन कर
ये कहानी एक ऐसे भिक्षुक लड़की की है जो परिस्थितिवश मां बनती है ... इस कहानी की मुख्य पात्र ऐसी एक लड़की है जो दिन में कहीं न कहीं हमसे आप से सबसे टकराती ही है ....इस कहानी का उद्देश्य है की ऐसे लोगों की
कहानी---मुग्धा, ******************* महानगर में सुबह का समय किसी जंग से कम नही होता। सुबह ऑफिस समय से पहुंचना बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। क्योंकि धीरे-धीरे रात सिमट कर छोटी होती जा रही है। अब 1-2 बजे सोन
कहानी-- नचिकेता *************** एक, मनोरम निर्झरणी के समीप फैली हरियाली के मध्य, एक सुन्दर कुटी बनी हुई थी। जिसमे आज विशेष हलचल थी। ऋषि, ऋषि कुमार, सहायक , परिचायक एवं आस-पास के कुछ जंगल निवासी। सबके