जाने रामचरितमानस चौपाई के बारे में:रामायण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। रामायण की किताब लगभग हर हिंदू घर में मिलती है। रामायण में हर एक किरदारों का अपना एक अलग महत्व है। रामायण के बारे में ज़्यादातर लोगों को टीवी, सीरियल या राम-लीला देखकर ही जानकारी मिली है। बहुत लोग किताब पढ़कर भी रामायण में निपु
वेद पुरानो के अध्यन से सिर्फ एक बात निकलकर आती है की जितने भी इस प्रथ्वी पर देव,महापुरुष अवतरित हुए उन सभी का उद्देश्य सामाजिक व्यवस्था बनाना था ! भगवान श्रीराम जी ने एक राजा के होने के बाबजूध पिता के वचन की खातिर राजमहल का त्याग कर वनवासी हो गए क्योकि कुल का यह स
बचपन में एक निबंध पढ़ा था उसमें ‘मेरा प्रिय ग्रंथ’ के अंतर्गत रामचरितमानस को आधार बनाया गया था। उस समय थोड़ा अटपटा सा लगा था। शायद इसलिए कि उसे तो हम धार्मिक ग्रंथ के रूप में जानते थे। प्रिय जैसा संबोधन कुछ अलग सा लगा था। जैसे प्यारी मां, प्यारे पिता जैसी बात समझ में नहीं आती । मां, मां है, पिता, पिता
वेद,पुराण,उपनिषद जैसे सब ग्रंथों का सार। शिव-मानस सदा रहा है,इनका शुभ आगार।।जगद्गुरु ने उसी तत्व का,लेकर फिर आधार। रचा राम का निर्मल विस्तृत चरित अपार।।शिवशंकर के वरद हस्त का पाकर आशीर्वाद। किया श्रवण "तुलसी" ने उर में रामकथा संवाद।।भाव समाधि में किया फिर,झूम-झूम कर गान। रामचरितमानस से उपजा,जन-जन का