रामधारी सिंह “दिनकर”- बालिका से वधू
Ramdhari Singh Dinkar - Hindi poem बालिका से वधू – रामधारी सिंह “दिनकर”माथे में सेंदूर पर छोटीदो बिंदी चमचम-सी,पपनी पर आँसू की बूँदेंमोती-सी, शबनम-सी।लदी हुई कलियों में मादकटहनी एक नरम-सी,यौवन की विनती-सी भोली,गुमसुम खड़ी शरम-सी।पीला चीर, कोर में जिसकेचकमक गोटा-जाली,चली पिया के गांव उमर केसोलह फूलों