रामायण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। रामायण की किताब लगभग हर हिंदू घर में मिलती है। रामायण में हर एक किरदारों का अपना एक अलग महत्व है। रामायण के बारे में ज़्यादातर लोगों को टीवी, सीरियल या राम-लीला देखकर ही जानकारी मिली है। बहुत लोग किताब पढ़कर भी रामायण में निपुण हुए हैं। तुलसीदास महाराज ने रामायण लिखकर मनुष्य का जीवन सफल कर दिया है। रामचरितमानस अवधी भाषा में तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित एक महाकाव्य है। रामायण में आपको तुलसीदास की ढेर सारी चौपाइयां मिलेंगी। इन रामायण चौपाई को यदि मनुष्य पढ़ ले और उसका अर्थ समझ ले तो जान लीजिये उसका जीवन सफल है। इन चौपाइयों का विधिपूर्वक जाप करने पर जीवन की विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसलिए आज हम आपके लिए रामचरितमानस की कुछ मुख्य चौपाइयां लेकर आये हैं। तो ये रहीं कुछ प्रसिद्ध रामायण चौपाई …. जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी। कवि उर अजिर नचावहिं बानी।। मोरि सुधारहिं सो सब भांती। जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।। जिमि सरिता सागर मंहु जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।। तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं। धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।। साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं।। सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।। जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिंII सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई। लहहि भगति गति संपति नई।। गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अलपकाल विद्या सब आई।। तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। राजिव नयन धरैधनु सायक। भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।। अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।। नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित प्रान केहि बात।। दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम काज नहिं काहुहिं व्यापा।। नाम प्रभाऊ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।। गई बहारे गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।। वयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।। प्रनवउ पवन कुमार खल बन पावक ग्यान धुन। जासु हृदय आगार बसहि राम सर चाप घर।। अनुचित बहुत कहेउं अग्याता। छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कौशलपुर राजा।। सोइ जल अनल अनिल संघाता। होइ जलद जग जीवनदाता।। पवन तनय बल पवन समानाI बुधि विवके बिग्यान निधाना।। साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। तब जनक पाइ बसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै। मांडवी श्रुतिकीरित उरमिला कुंअरि लई हंकारि कै।।जाने रामचरितमानस चौपाई के बारे में:
रामायणचरित चौपाई
परीक्षा में सफलता के लिए रामायण चौपाई
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई
रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति के लिये रामायण चौपाई
प्रेम वृद्धि के लिए रामायण चौपाई
धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई
सुख प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई
विद्या प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाई
शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए रामायण चौपाई
ज्ञान प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाई
विपत्ति में सफलता के लिए रामायण चौपाई
पुत्र प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई
दरिद्रता दूर करने के लिए रामचरितमानस चौपाई
अकाल मृत्यु से बचने के लिए रामचरितमानस चौपाई
रोगों से बचने के लिए
जहर को खत्म करने के लिए
खोई हुई वास्तु वापस पाने के लिए
शत्रु को मित्र बनाने के लिए
भूत प्रेत के डर को भगाने के लिए
ईश्वर से माफ़ी मांगने के लिए
सफल यात्रा के लिए
वर्षा की कामना की पूर्ति के लिए
मुकदमा में विजय पाने के लिए
प्रसिद्धि पाने के लिए
विवाह के लिए