#देवउठानि_एकादशीविषय- तुलसी विवाहतुलसी महिमा मैं गाउँ।तुम सबको आज सुनाऊ।थी वृन्दा एक कुमारी।बचपन से धर्म पुजारी।थी विष्णु भक्त वो प्यारी।है जिनकी महिमा न्यारी।कर दानव कुल में शादी।पतिव्रता धर्म की आदी।जालंधर नाम बखाना।देवों का शत्रु पुराना।था देवों का अपकारी।हरि भक्त मिली थी नारी।नारायण छल कर डाला।
श्याम तुलसी के पत्ते काले पत्तों के रूप में पाया जाता है
आयुर्वेद विज्ञान में साफ और ताजे पानी को अमृत के समान माना गया है, साफ और ताजा पानी आपके मन, शरीर और त्वचा को सुन्दर और स्वस्थ बनाता है । आज हम आपको वो पांच तरीके बताएंगे जिससे आप अपने पानी की सेहत को और अधिक बढ़ा सकते हैं तुलसी तुलसी कसारा है, जिसका मतलब है कि यह खांसी और सर्दी का दोनों का इलाज करत
सबसे ज्यादा पवित्र तुलसी का पौधा होता है। कहते है जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता उस घर में भगवान भी रहना पंसद नहीं करते। घर में तुलसी का पौधा लगाने से कलह और दरिद्रता दूर होती है। तुलसी कई समस्याओं को आसानी से दूर कर सकती है। अगर तुलस
बचपन में एक निबंध पढ़ा था उसमें ‘मेरा प्रिय ग्रंथ’ के अंतर्गत रामचरितमानस को आधार बनाया गया था। उस समय थोड़ा अटपटा सा लगा था। शायद इसलिए कि उसे तो हम धार्मिक ग्रंथ के रूप में जानते थे। प्रिय जैसा संबोधन कुछ अलग सा लगा था। जैसे प्यारी मां, प्यारे पिता जैसी बात समझ में नहीं आती । मां, मां है, पिता, पिता