वक्त बदल दिया उन आंधी के झौकों ने।मानव को जकड़ लिया तकनीक के झरोखों ने।हर तरफ दासता थमा दी मनुष्य के दिमाग को।मनुष्य ने सब कुछ झौंक दिया तकनीक की आग को।।हां ! मुझे काम करने में गति प्रदान की।मुझे हर क
बच्चें मन के सच्चे... बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और जब उनके वापस लौट
गतांक से आगेअभी जोगिंदर को सोये घंटा भर ही हुआ था कि उसे ऐसे लगा जैसे उसे कोई बुला रहा है "सूरज उठो ना । आंखें खोल कर तो देखो।"जोगिंदर आधा नींद में और आधा जगा हुआ था उसे ऐसे लगा जैसे वही दोपहर सपने वा